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Lucknow News : पुरुषों में भी बढ़ रही बांझपन की समस्या, मानसिक तनाव और धूम्रपान मुख्य कारण, जानें क्या कहत हैं विशेषज्ञ

अब तक बांझपन को केवल महिलाओं से जोड़कर देखा जाता था। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पुरुषों में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण तनाव, धूम्रपान और खराब जीवनशैली है।

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Abhishek Mishra
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पुरुषों में भी बढ़ रही बांझपन की समस्या

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

अब तक बांझपन को केवल महिलाओं से जोड़कर देखा जाता था। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पुरुषों में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण तनाव, धूम्रपान और खराब जीवनशैली है। विशेषज्ञों के अनुसार समय पर जांच और सही इलाज से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। शनिवार को राजधानी में आयोजित एक कार्यशाला में प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस कार्यशाला का आयोजन द इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी यूपी चैप्टर ने किया, जिसमें कई विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी।

तनाव और धूम्रपान से बढ़ रहा पुरुषों में बांझपन

कार्यशाला में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने बताया कि मानसिक तनाव और धूम्रपान पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, जिससे बांझपन की समस्या उत्पन्न होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता और सही समय पर चिकित्सीय परामर्श से इस समस्या से बचा जा सकता है।

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महिलाओं में बढ़ रही ट्यूब ब्लॉकेज की समस्या

इस कार्यक्रम में गायनी विभाग की विशेषज्ञों ने बताया कि आधुनिक जीवनशैली और खानपान की गलत आदतों की वजह से महिलाओं में भी बांझपन की समस्या बढ़ रही है। डॉ. मालविका मिश्र के अनुसार 50% से अधिक महिलाओं में ट्यूब ब्लॉकेज की समस्या देखी जा रही है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई होती है। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

देर से विवाह करने पर गर्भधारण में परेशानी

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डॉ. नीतू सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि विवाह की सही उम्र 18 से 24 वर्ष के बीच होती है। देर से विवाह करने पर महिलाओं को गर्भधारण में अधिक परेशानी होती है। साथ ही, बढ़ती उम्र के साथ हार्मोनल असंतुलन और अन्य शारीरिक समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं, जिससे संतान प्राप्ति में बाधा आती है।

विशेषज्ञों ने दी जागरूकता बढ़ाने की सलाह

इस कार्यशाला में डॉ. चंद्रावती, डॉ. गौरव राज, डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. मंजू शुक्ला समेत कई अन्य विशेषज्ञ मौजूद रहे। उन्होंने इस विषय पर जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि समय पर जांच, स्वस्थ जीवनशैली और सही उपचार से बांझपन की समस्या को रोका जा सकता है।

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