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अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान का 41वां स्थापना दिवस
लखनऊ में अन्तरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के 41वें स्थापना दिवस पर आयोजित ‘बौद्ध धम्म सम्मेलन’ में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि दुनिया ने युद्ध दिया, लेकिन भारत ने बुद्ध। उन्होंने भगवान बुद्ध के करुणा और क्षमा के सिद्धांतों को बताते हुए कहा कि बौद्ध शोध संस्थान इस संदेश को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने का कार्य कर रहा है। इस दौरान डॉ. प्रमोद कुमार अग्रवाल की पुस्तक ‘सार्वभौमिक बुद्ध’ और ‘51 जातक कथाएं’ का विमोचन किया गया।
महाकुंभ में बौद्ध भिक्षुओं की सेवा
मंत्री जयवीर सिंह ने कार्यक्रम के दौरान प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 की भव्यता पर बात करते हुए बताया कि इस ऐतिहासिक आयोजन में 70 से अधिक देशों के श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। बौद्ध भिक्षुओं ने वहां समाजसेवा के कई कार्य किए और धर्म व आस्था का प्रचार किया। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने का सपना तभी साकार होगा, जब हम अपने बच्चों को संस्कारवान, क्षमतावान और चरित्रवान बनाएंगे। हर नागरिक को राष्ट्र को सर्वोपरि मानकर कार्य करना चाहिए।
25 दिनों तक वितरित हुईं बौद्ध धर्म की पुस्तकें
संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष हरगोबिंद बौद्ध ने बताया कि महाकुंभ के दौरान 25 दिनों तक एक विशेष शिविर आयोजित कर बौद्ध धर्म से संबंधित एक लाख से अधिक पुस्तकें वितरित की गईं। इसके अलावा, संस्थान द्वारा वर्षभर में 41 प्रमुख कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विधान परिषद सदस्य डॉ. महेंद्र सिंह और डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
विपश्यना ध्यान और प्रतियोगिताओं का आयोजन
कार्यक्रम के दौरान बाबूराम आचार्य (विपश्यना ध्यान केंद्र, श्रावस्ती) ने विपश्यना ध्यान कराया गया। सामाजिक समरसता में बौद्ध धर्म के योगदान पर निबंध प्रतियोगिता और सनातन संस्कृति एवं बौद्ध धर्म पर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें कई स्कूलों के बच्चों ने हिस्सा लिया। खुशी फाउंडेशन द्वारा एक निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई।