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जमीयत उलमा ए हिंद अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी Photograph: (Facebook)
उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली और आसपास के क्षेत्रों में आई भीषण प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न जनहानि और व्यापक तबाही पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने इसे एक गंभीर मानवीय संकट करार दिया है।
वीडियो देख भावुक हुए मौलाना महमूद मदनी
उन्होंने कहा, “हमने जो वीडियो देखा, वह अत्यंत दर्दनाक था। उसे देखकर दिल और रूह दोनों को गहरा आघात पहुँचा। यह जानकर और भी अफ़सोस हुआ कि बड़ी संख्या में लोग अब तक लापता हैं। सबसे अधिक दुख मुझे उन सैलानियों के लिए है जो अपने परिजनों से बिछुड़ गए हैं।”
मौलाना ने पीड़ितों के लिए की दुआ
मौलाना महमूद मदनी ने आपदा में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की और उनके परिजनों के लिए धैर्य की दुआ की। साथ ही, घायल व बेघर हुए नागरिकों के शीघ्र पुनर्वास की आवश्यकता पर भी बल दिया।उन्होंने जमीयत उलमा, उत्तराखंड के क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे धराली और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन और नागरिक समाज के सहयोग से राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लें।
जमीयत उलमा के कार्यकर्ताओं को मदद करने के निर्देश
मौलाना मदनी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “यह समय केवल इंसानियत की सेवा का है।” उन्होंने सरकार से भी अपील की कि वह आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में दीर्घकालिक योजना बनाकर उसे लागू करे। आगे बोलते हुए मदनी ने कहा, “मैं सरकार से आग्रह करता हूँ कि सिविल स्तर पर एक ऐसा इमरजेंसी प्लान लागू किया जाए, जो इस प्रकार की आपदाओं के लिए तैयारी और प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करे। हर नागरिक को, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों को, इस तरह के संकटों से निपटने के लिए सक्षम और सजग बनाया जाना चाहिए।” अपने बयान के अंत में मौलाना मदनी ने कहा, “अल्लाह तआला इस संकट से सभी को सुरक्षित रखे, लापता लोगों को उनके परिवारों से सकुशल मिलाए, और हमारे देश को ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से महफूज़ रखे।”