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Jan Aushadhi Kendra
लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में एक माह से बंद पड़े जन औषधि केंद्रों के फिर से शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। सोमवार से अधिकांश केंद्रों पर मरीजों को फिर से किफायती दरों पर दवाएं मिलने लगेंगी। ड्रग विभाग ने लोहिया संस्थान को छोड़कर शहर के सभी सरकारी अस्पतालों के जन औषधि केंद्रों के लिए लाइसेंस जारी कर दिया है।
फरवरी में बंद हुए थे केंद्र
शहर के 11 सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे थे। जहां मरीजों को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई जाती थीं। हालांकि, नए टेंडर के बाद दवा आपूर्ति करने वाली कंपनी ने लाइसेंस नवीनीकरण नहीं करवाया था। जिसके चलते ये केंद्र पुराने लाइसेंस पर ही चल रहे थे। ड्रग विभाग ने इस पर आपत्ति जताते हुए फरवरी में सभी जन औषधि केंद्रों को बंद करने का आदेश दे दिया था।
महंगी दवाओं का बढ़ा बोझ
जन औषधि केंद्रों के बंद होने से मरीजों को मजबूरी में निजी मेडिकल स्टोर्स से महंगी दरों पर दवाएं खरीदनी पड़ रही थीं। इससे खासतौर पर गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों को आर्थिक रूप से परेशानी झेलनी पड़ी। कई मरीजों ने सस्ती दवाएं न मिलने की शिकायत भी की थी।
लाइसेंस मिलने से फिर शुरू होंगे केंद्र
नई कंपनी ने लाइसेंस प्रक्रिया पूरी करने के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद ड्रग विभाग ने आवश्यक जांच के बाद अधिकतर अस्पतालों के केंद्रों को मंजूरी दे दी है। अब बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त अस्पताल, ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल, गोसाईंगंज और मोहलालगंज सीएचसी, रामसागर मिश्रा संयुक्त अस्पताल और बीआरडी महानगर अस्पताल को लाइसेंस जारी कर दिया गया है। हालांकि, लोहिया संस्थान का लाइसेंस अभी जारी नहीं किया गया है, जिसके चलते वहां जन औषधि केंद्र के फिर से खुलने में कुछ और समय लग सकता है।
मरीजों को मिलेगी राहत
जन औषधि केंद्रों के फिर से शुरू होने से सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को काफी राहत मिलेगी। यहां उन्हें ब्रांडेड दवाओं के बजाय जेनेरिक दवाएं किफायती दरों पर उपलब्ध होंगी, जिससे उनके इलाज का खर्च कम होगा। संबंधित विभाग जल्द ही लोहिया संस्थान के लाइसेंस से जुड़ी प्रक्रिया पूरी करने में जुटा है, ताकि वहां भी जल्द जन औषधि केंद्र को दोबारा शुरू किया जा सके।