लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ स्मार्ट सिटी कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई के दौरान मंगलवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब गोमतीनगर के नेहरू एन्क्लेव से आई एक महिला शिकायतकर्ता ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। महिला का कहना था कि कॉलोनी में वर्षों से अवैध कब्जे और अधूरी विकास योजनाओं की अनदेखी हो रही है।
महिला ने एलडीए अधिकारियों लगाए आरोप
शिकायत लेकर पहुंची महिला डॉक्टर अंजू ने आरोप लगाया कि नेहरू एन्क्लेव में पार्क और फुटपाथों पर अवैध निर्माण जारी है और स्थानीय लोगों ने गलत तरीके से RWA का गठन कर लिया है। उन्होंने कहा कि एलडीए अधिकारी इन मामलों में लापरवाही बरत रहे हैं और कुछ मामलों में संदिग्ध भूमिका में भी नजर आते हैं। महिला की टिप्पणी पर वहां मौजूद एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने महिला के आरोपों को बेबुनियाद बताया और सवाल किया कि बिना सबूत ऐसे आरोप कैसे लगाए जा सकते हैं। इस दौरान महिला और एलडीए अधिकारियों के बीच बहस तेज हो गई।
अधूरी विकास योजनाओं पर भी उठाए सवाल
स्थिति को देखते हुए कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने महिला से शांत रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के शोरगुल से पूरे जनसुनवाई का माहौल प्रभावित नहीं होना चाहिए। महिला का आरोप है कि इस दौरान उन्हें बाहर जाने के लिए कहा गया और कथित रूप से धमकी भी दी गई। महिला ने कहा कि कॉलोनी में सुरक्षा दीवार और पार्क के विकास कार्य के लिए टेंडर तो हुए, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया। उनका दावा है कि करीब 35 वर्षों से अवैध कब्जा बना हुआ है, लेकिन एलडीए की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
बसंतकुंज आवंटी भी परेशान
जनसुनवाई में वसंतकुंज सेक्टर-A से जुड़े आवंटी भी पहुंचे। इन लोगों ने बताया कि 2022 में लॉटरी के माध्यम से उन्हें भूखंड आवंटित किए गए थे, लेकिन बाद में प्राधिकरण ने इन आवंटनों को रद्द कर दिया। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। एक आवंटी ने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत 2025 तक कब्जा मिलना था, लेकिन इससे पहले ही पूरा मामला निरस्त कर दिया गया। वहीं, राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 272 लोगों ने 24 लाख से 60 लाख रुपये तक भुगतान किया था। अब एलडीए उन्हें जमीन देने की बजाय पैसा लौटाने की बात कर रहा है, जबकि कई लोगों ने बैंक से लोन लेकर यह भूखंड खरीदे थे। आवंटियों की मांग है कि उन्हें उनकी जमीन वापस दी जाए और एलडीए अपनी जिम्मेदारी निभाए।