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यूपी के बजट में आंकड़ों की बाजीगरी : माता प्रसाद पांडेय बोले- किसी वर्ग को नहीं मिलेगा लाभ

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने up बजट को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बड़ा बजट कहकर जनता को गुमराह कर रही है। बजट से किसी वर्ग को फायदा नहीं होगा।

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Deepak Yadav
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नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय पर यूपी के बजट पर उठाए सवाल Photograph: (Social Media)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बृहस्पतिवार को अपना 9वां बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये के बजट की घोषणा की। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बड़ा बजट कहकर जनता को गुमराह कर रही है। बजट से किसी वर्ग को फायदा नहीं होगा।

सरकार ने बजट बढ़ाने के बजाय कम कर दिया

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जबकि 2024-25 में कुल बजट 9,27,313 करोड़ रुपये था। पिछले वर्ष के कुल बजट से इसे अगर घटाकर देखें तो 1,18,577 करोड़ 28 लाख बजट कम है। दिनोंदिन मंहगाई सुरसा की तरह मुंह फैलाती जा रही है। प्रत्येक वस्तुए मंहगी होती जा रही हैं। प्रदेश की मुद्रास्फीति दर 6.26 है। इस दृष्टि से पिछले कुल बजट से 58 हजार 49 करोड़ 42 लाख रुपये और बढ़ाकर जब लाते तब वह पिछली बजट के बराबर हो पाता। 

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बजट के सही उपयोग पर उठाए सवाल

माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि बजट की राशि से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार उसका सही उपयोग कर रही है या नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बजट का पूरा लाभ जनता तक पहुंचाने में विफल रही है। कई विभाग ऐसे हैं, जिनमें 50 प्रतिशत से भी कम बजट खर्च हो पाया है।

अनुपूरक बजट का खर्च भी सवालों के घेरे में

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महालेखाकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 2024-25 में राजस्व व्यय मद में मात्र 37.78 प्रतिशत और पूंजीगत परिव्यय में केवल 22.86 प्रतिशत राशि खर्च की गई। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 की समाप्ति पर 19,981.24 करोड़ रुपये की 30,906 उपयोगिता प्रमाण-पत्र लंबित पाए गए थे, जिससे सरकार की वित्तीय पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।

बजट तुलना पर जताई आपत्ति

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वित्त मंत्री को इस बजट की तुलना पिछले वित्तीय वर्ष के बजट से करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने 2014, 2018, 2019 और 2020-23 की तुलनाएं प्रस्तुत कीं। उन्होंने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने चालू योजनाओं में किए गए प्रावधानों और उनके लाभार्थियों की जानकारी देने के बजाय ऐसे आंकड़े पेश किए जिनका बजट से कोई सीधा संबंध नहीं है।

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किसी भी वर्ग को नहीं मिलेगा लाभ

विपक्ष का दावा है कि इस बजट से किसी भी वर्ग को लाभ नहीं मिलने वाला है। बेरोजगार नवयुवकों, मध्यम वर्ग, गरीबों, किसानों, लघु उद्यमियों, व्यापारियों, महिलाओं, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक समुदाय को केवल निराशा ही हाथ लगेगी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह जनता को राहत देने के बजाय आंकड़ों के माध्यम से भ्रमित कर रही है।

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