लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में गंभीर मस्तिष्क रोगों से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत की खबर है। अब यहां बिना किसी चीरे और टांके के सिर के ट्यूमर का इलाज किया जा सकेगा। इसके लिए केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी विभाग में अत्याधुनिक गामा नाइफ तकनीक की शुरुआत की जा रही है। यह तकनीक न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति मानी जाती है, जिसमें ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती और मरीज को जल्दी छुट्टी भी मिल जाती है।
इलाज की सटीकता और कम समय में आराम
केजीएमयू के डॉक्टरों का कहना है कि इस तकनीक से विशेष रूप से सिर के पीछे के हिस्से में मौजूद छोटे आकार के ट्यूमर का इलाज बहुत प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। उपचार के कुछ ही घंटों के भीतर मरीज को अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। यह उन मरीजों के लिए वरदान साबित होगी, जो ऑपरेशन के जोखिम से डरते हैं या जिनकी हालत सर्जरी के लायक नहीं होती। गामा नाइफ एक विशेष प्रकार की रेडिएशन थैरेपी है, जिसमें अत्यधिक सटीकता के साथ ट्यूमर पर रेडिएशन डाला जाता है। यह प्रक्रिया कंप्यूटर संचालित होती है, जिससे केवल प्रभावित हिस्से पर असर होता है और आसपास की स्वस्थ कोशिकाएं सुरक्षित रहती हैं।
40 करोड़ की लागत, भेजा गया प्रस्ताव
गामा नाइफ मशीन की अनुमानित लागत करीब 40 करोड़ रुपये बताई जा रही है। केजीएमयू प्रशासन ने इस परियोजना के लिए प्रस्ताव तैयार कर चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि मशीन की स्थापना की प्रक्रिया स्वीकृति मिलते ही शुरू कर दी जाएगी।
दोनों बड़े संस्थानों में मरीजों को मिलेगा इलाज
राजधानी लखनऊ के ही डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में भी इसी तकनीक के लिए न्यूरो सेंटर में गामा नाइफ मशीन खरीदी जा रही है, जिसकी खरीद प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। ऐसे में जल्द ही लखनऊ के दोनों बड़े संस्थानों में मरीजों को यह अत्याधुनिक सुविधा मिलने लगेगी।
प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा मरीजों को
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि संस्थान का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश के मरीजों को उन्नत और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं यहीं पर मिलें। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली या अन्य महानगरों का रुख न करना पड़े। गामा नाइफ तकनीक के आने से हमें उम्मीद है कि हजारों मरीजों को लाभ मिलेगा।
क्या है गामा नाइफ
गामा नाइफ एक अत्याधुनिक रेडियोसर्जरी तकनीक है, जो विशेष रूप से मस्तिष्क और गर्दन के क्षेत्रों में मौजूद ट्यूमर व अन्य विकारों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। इसमें बिना किसी सर्जरी के, कई दिशा से गामा किरणें एक बिंदु पर केंद्रित कर ट्यूमर को नष्ट कर देती हैं। इसे सर्जरी विदआउट स्केलपेल भी कहा जाता है।