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KGMU में मरीजों को मिलेंगी सस्ती दवाएं, नहीं लगानी पड़ेगी कतार

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मरीजों की सुविधा के लिए HRF के पांच नए काउंटर खोले जाएंगे। वर्तमान में चल रहे 17 काउंटरों की तरह इन पर भी लगभग 2000 प्रकार की दवाएं और सर्जिकल सामान 60–70 प्रतिशत कम कीमत पर मिलेंगे।

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Abhishek Mishra
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मरीजों को सस्ती दवाएं मिलेगी तुरंत

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में इलाज के लिए आने वाले हजारों मरीजों को जल्द ही एक और राहत मिलने जा रही है। केजीएमयू प्रशासन ने हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (HRF) के तहत पांच नए दवा काउंटर शुरू करने का निर्णय लिया है। इन काउंटरों के शुरू होने से दवा खरीदने के लिए मरीजों को लंबी लाइनों में खड़े रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी और समय की भी बचत होगी।

दो हजार प्रकार की आवश्यक दवाएं उपलब्ध

फिलहाल केजीएमयू परिसर में HRF के कुल 17 काउंटर संचालित हो रहे हैं, जहां लगभग 2000 प्रकार की आवश्यक दवाएं और सर्जिकल उत्पाद उपलब्ध कराए जाते हैं। ये दवाएं और उपकरण सीधे निर्माताओं से खरीदे जाते हैं, जिससे इनकी कीमत बाजार दर से 60 से 70 प्रतिशत तक कम रहती है। यह व्यवस्था खासतौर से उन गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो निजी मेडिकल स्टोर्स की महंगी दवाओं को वहन नहीं कर सकते।

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किन विभागों में खुलेंगे नए काउंटर

मरीजों की सुविधा को और बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय अब कार्डियोलॉजी, थोरेसिक सर्जरी और नेत्र विभाग जैसे भीड़भाड़ वाले चिकित्सीय विभागों में नए HRF काउंटर खोलने जा रहा है। इन विभागों में रोज़ाना बड़ी संख्या में मरीज आते हैं और दवाओं की जरूरत पड़ती है, इसलिए यहां काउंटर खोलने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

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केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि HRF काउंटरों के माध्यम से मरीजों को गुणवत्तापूर्ण दवाएं सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराना विश्वविद्यालय का प्राथमिक लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि कोई भी मरीज केवल दवा की महंगी कीमत या उसकी अनुपलब्धता के कारण उपचार से वंचित न रहे। नए काउंटर खुलने से भीड़ का दबाव कम होगा और सेवाओं में तेजी आएगी। इसके तहत भविष्य में और भी अधिक काउंटर खोले जा सकते हैं और जरूरतमंद मरीजों को घर बैठे दवाएं पहुंचाने जैसी डिजिटल सेवाएं भी शुरू की जा सकती हैं।

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