लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन (ramji lal suman) की ओर से दिए गए बयान ने विवाद को जन्म दे दिया है। यह बयान महान योद्धा महाराणा सांगा से जुड़ा है, जिसे लेकर क्षत्रिय समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है। इसी के विरोध में मंगलवार को राजधानी लखनऊ के 1090 चौराहे पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेतृत्व में भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे।
पार्टी से बर्खास्तगी की मांग
प्रदर्शनकारियों ने सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ तीखा विरोध दर्ज कराते हुए समाजवादी पार्टी और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ भी नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं का कहना है कि महाराणा सांगा के प्रति अपमानजनक टिप्पणी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने साफ तौर पर मांग की है कि समाजवादी पार्टी तत्काल प्रभाव से सांसद रामजी लाल सुमन को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए। उनका कहना है कि जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
एकजुट हो चुका है क्षत्रिय समाज
इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवनीत सिंह ने सत्ताधारी दल और समाजवादी पार्टी के नेताओं को कड़ी चेतावनी दी। अवनीत सिंह ने तीखा हमला बोलते हुए कहा की संसद में समाजवादी पार्टी के एक सांसद ने हमारे गौरव, हमारे प्रेरणास्त्रोत महाराणा सांगा को गद्दार कहकर न केवल इतिहास का अपमान किया है, बल्कि पूरे क्षत्रिय समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। समाजवादी पार्टी को और उसके नेताओं को सबक सिखाने के लिए उत्तर प्रदेश का युवा एकजुट हो चुका है।
अखिलेश यादव को ठहराया जिम्मेदार
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा की अगर समाजवादी पार्टी इस पर चुप्पी साधे रखेगी और संबंधित सांसद से माफी नहीं मंगवाएगी, तो इसका राजनीतिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी जिम्मेदार ठहराते हुए कहा की अगर अब भी समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को हल्के में लेती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी पार्टी नेतृत्व और स्वयं अखिलेश यादव की होगी। हम किसी भी हाल में अपने महापुरुषों का अपमान नहीं सह सकते।
विरोध और चेतावनी के बीच बढ़ता तनाव
इस प्रकरण के बाद समाज में बढ़ते असंतोष को देखते हुए प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात रहा और आसपास के इलाकों में निगरानी की जा रही है। हालांकि, अभी तक समाजवादी पार्टी की ओर से कोई औपचारिक माफी या सफाई नहीं दी गई है, जिससे लोगों का गुस्सा और भड़कता नजर आ रहा है।
सांसद Ramji Lal की राणा सांगा पर टिप्पणी को लेकर गरजा क्षत्रिय समाज, कहा-माफी नहीं मांगी तो सपा को भुगतना होगा अंजाम
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा की अगर समाजवादी पार्टी इस पर चुप्पी साधे रखेगी और संबंधित सांसद से माफी नहीं मंगवाएगी, तो इसका राजनीतिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
लखनऊ के 1090 चौराहे पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेतृत्व में भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन (ramji lal suman) की ओर से दिए गए बयान ने विवाद को जन्म दे दिया है। यह बयान महान योद्धा महाराणा सांगा से जुड़ा है, जिसे लेकर क्षत्रिय समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है। इसी के विरोध में मंगलवार को राजधानी लखनऊ के 1090 चौराहे पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेतृत्व में भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे।
पार्टी से बर्खास्तगी की मांग
प्रदर्शनकारियों ने सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ तीखा विरोध दर्ज कराते हुए समाजवादी पार्टी और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ भी नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं का कहना है कि महाराणा सांगा के प्रति अपमानजनक टिप्पणी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने साफ तौर पर मांग की है कि समाजवादी पार्टी तत्काल प्रभाव से सांसद रामजी लाल सुमन को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए। उनका कहना है कि जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
एकजुट हो चुका है क्षत्रिय समाज
इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवनीत सिंह ने सत्ताधारी दल और समाजवादी पार्टी के नेताओं को कड़ी चेतावनी दी। अवनीत सिंह ने तीखा हमला बोलते हुए कहा की संसद में समाजवादी पार्टी के एक सांसद ने हमारे गौरव, हमारे प्रेरणास्त्रोत महाराणा सांगा को गद्दार कहकर न केवल इतिहास का अपमान किया है, बल्कि पूरे क्षत्रिय समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। समाजवादी पार्टी को और उसके नेताओं को सबक सिखाने के लिए उत्तर प्रदेश का युवा एकजुट हो चुका है।
अखिलेश यादव को ठहराया जिम्मेदार
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा की अगर समाजवादी पार्टी इस पर चुप्पी साधे रखेगी और संबंधित सांसद से माफी नहीं मंगवाएगी, तो इसका राजनीतिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी जिम्मेदार ठहराते हुए कहा की अगर अब भी समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को हल्के में लेती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी पार्टी नेतृत्व और स्वयं अखिलेश यादव की होगी। हम किसी भी हाल में अपने महापुरुषों का अपमान नहीं सह सकते।
विरोध और चेतावनी के बीच बढ़ता तनाव
इस प्रकरण के बाद समाज में बढ़ते असंतोष को देखते हुए प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात रहा और आसपास के इलाकों में निगरानी की जा रही है। हालांकि, अभी तक समाजवादी पार्टी की ओर से कोई औपचारिक माफी या सफाई नहीं दी गई है, जिससे लोगों का गुस्सा और भड़कता नजर आ रहा है।