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UP News : श्रमिक अड्डे होंगे आधुनिक, मजदूरों को 5 रुपये में मिलेगा खाना, CM Yogi ने की श्रम-सेवायोजन विभाग की समीक्षा

सीएम योगी ने निर्देश दिए कि श्रम कानूनों को इस तरह सरल बनाया जाए जिससे न केवल औद्योगिक इकाइयों को संचालन में सहूलियत हो, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि श्रमिकों के अधिकारों और गरिमा से कोई समझौता न हो।

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Abhishek Mishra
CM Yogi reviewed Labor Employment Department

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्रम एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश की औद्योगिक तरक्की तभी मुमकिन है जब उद्योगों और श्रमिकों दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए श्रम कानूनों को संतुलित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उद्यमी और श्रमिक प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं। सीएम योगी ने निर्देश दिए कि श्रम कानूनों को इस तरह सरल बनाया जाए जिससे न केवल औद्योगिक इकाइयों को संचालन में सहूलियत हो, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि श्रमिकों के अधिकारों और गरिमा से कोई समझौता न हो। उन्होंने यह भी कहा कि श्रमिकों का शोषण रोकने और उनके साथ किसी भी प्रकार के अमानवीय व्यवहार को खत्म करने के लिए प्रभावी प्रणाली बनाई जानी चाहिए।

रोजगार बढ़ाने का जरिया है उद्योगों का विस्तार

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक को काम देने का लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है जब उद्योगों को सशक्त किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उद्योगों को बंद कर किसी को रोजगार नहीं दिया जा सकता, बल्कि औद्योगिक विस्तार ही राज्य में रोजगार सृजन का सबसे बड़ा माध्यम बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर किसी भी दुर्घटना की स्थिति में श्रमिकों और उनके परिवारों को न केवल मुआवजा मिले, बल्कि उन्हें सम्मानजनक जीवनयापन के लिए बीमा और अन्य सुरक्षा कवच भी उपलब्ध कराया जाए। सरकार का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश श्रमिक हितों की रक्षा के साथ-साथ उद्योगों के अनुकूल वातावरण वाला देश का अग्रणी राज्य बने।

मॉडल श्रमिक अड्डों का विकास, सुविधाएं हों सुलभ

सीएम ने बैठक में राज्य भर में संचालित श्रमिक अड्डों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर मॉडल केंद्रों के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों पर डोरमेट्री, स्वच्छ शौचालय, शुद्ध पेयजल, सस्ती कैंटीन और कौशल प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि इन कैंटीनों में श्रमिकों को मात्र 5 से 10 रुपये में चाय, नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर उन्हें न्यूनतम वेतन की गारंटी देने वाली प्रणाली लागू की जाए। यह पहल असंगठित श्रमिकों को एक संगठित कार्यबल के रूप में परिवर्तित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि होगी।

बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर विशेष जोर

सीएम योगी ने कहा कि बाल श्रम को केवल खत्म करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना भी आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और अन्य प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से बाल श्रमिकों के पुनर्वास की दिशा में तेजी से काम किया जाए। सीएम ने कहा की यह केवल एक सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक दायित्व का भी हिस्सा है कि हम भविष्य की पीढ़ी को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन दें।

विदेश जाने वाले श्रमिकों को मिले प्रशिक्षण

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बैठक के दौरान सीएम ने अंतरराष्ट्रीय श्रमिकों की सुरक्षा और क्षमता को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विदेश में काम करने जा रहे निर्माण श्रमिकों को न केवल तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाए, बल्कि उन्हें उस देश की भाषा का भी प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से प्रदान किया जाए। इससे उनकी कार्यक्षमता और सुरक्षा दोनों में वृद्धि होगी।

स्वास्थ्य सेवाओं में हो सुधार

सीएम ने यह भी सुझाव दिया कि जैसे आयुष्मान भारत योजना में निजी अस्पतालों को शामिल किया गया है, उसी प्रकार सीएसआईसी (CSIC) और ईएसआईएस (ESIS) जैसी योजनाओं से भी निजी चिकित्सा संस्थानों को जोड़ा जाए। इस पहल से संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हो सकेंगी।

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