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पूर्व सीएम चंद्र भानु की सोसाइटी को एलडीए का नोटिस Photograph: (YBN)
- नजूल भूमि पर चल रहे शोरूम, सर्विस सेंटर व शराब की दुकान
- पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने पर एलडीए ने मांगा जवाब
राजधानी के चारबाग में रविंद्रालय से लगी हजारों करोड़ रुपये की बेशकीमत नजूल की भूमि का दुरुपयोग किया जा रहा है। सामाजिक कल्याण के लिए मोतीलाल मेमोरियल सोसाइटी को यह जमीन एक रुपये वार्षिक किराये पर आवंटित की गई थी। मगर वर्तमान में यह संस्था इस जमीन का कामर्शियल उपयोग कर रही है। वर्ष 1940 में लगभग 50 से 55 वर्ग मीटर आवंटित इस जमीन पर टाटा मोटर्स का शोरूम, टीवीएस का सर्विस सेंटर, शराब की दुकान, जाड़े में ऊलेन मेला, रजाई-गद्दा की अस्थायी दुकानें संचालित हो रही हैं। इसके अलावा बाल संग्रहालय, रवींद्रालय, बाल विद्या मंदिर स्कूल, हरबिलास एवं होम्योपैथिक अस्पताल संचालित किया जा रहा है। अपने मकसद से भटकर कर संस्था सरकारी जमीन से लाभ कमा रही है। नजूल भूमि के पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने पर एलडीए ने संस्था को नोटिस दी है। 15 दिन में सही जवाब न देने पर पट्टा निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
पर्व सीएम चंद्र भानु गुप्ता ने रखी थी नींव
मोतीलाल मेमोरियल सोसाइटी की स्थापना यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चंद्र भानु गुप्ता ने 1935 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत की थी। उस समय सोसाइटी का मकसद गरीबों सामाजिक, आर्थिक और वयस्क शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में शिक्षा को प्रोत्साहित करना और उसका प्रसार करना था। इसी उद्देश्य से आजादी से पहले तीन जनवरी 1940 को चारबाग स्थित नजूल भूमि खसरा संख्या-571 से 575, 579, 580, 585, 589, 590, 591, 610, 611, 612 सी-579, सी-589 व सी-592 समस्त भाग तथा खसरा संख्या 581 से 584 व 588 पर सृजित भूखंड संख्या ए, बी व सी कुल क्षेत्रफल लगभग 17 बीघा (50 से 55 वर्ग मीटर) भूमि का पट्टा मोतीलाल मेमोरियल सोसाइटी को एक रुपये प्रति वार्षिक किराये की दर पर किया गया था। इस पट्टागत नजूल भूमि पर वर्तमान में बाल संग्रहालय, रवींद्रालय, बाल विद्या मंदिर स्कूल, हरबिलास एवं होम्योपैथिक अस्पताल संचालित किया जा रहा है। सोसाइटी के मेमोरण्डम में स्पष्ट किया गया है कि संस्था समाज कल्याण के लिए काम कर रही है। सोसाइटी की ओर से लाभ के लिए कोई भी गतिविधि नहीं की जाएगी। मगर सोसाइटी अपने मकसद से भटक गई।
शादी-समारोह से किराया, स्कूल में महंगी फीस
राजधानी में जमीन की बेतहाशा कीमत बढ़ने व व्यवसायिककरण होने से सोसाइटी ने भी मामूली किराए पर आवंटित नजूल भूमि का दुरुपयोग शुरू कर दिया। यहां बाल संग्रहालय, रवींद्रालय में विभिन्न कार्यक्रम व शादी-समारोह के आयोजन होते हैं। जिसके लिए सोसाइटी कामर्शियल किराया वसूल रही है। इसी तरह बाल विद्या मंदिर स्कूल का संचालन किया जा रहा है। जहां गरीब व कमजोर वर्ग के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जानी थी, वहां निजी स्कूलों की तरह लगभग 30 हजार रुपये से 70 हजार रुपये तक वार्षिक फीस वसूल की जा रही है। जबकि छात्रावास के तौर पर दो लाख रुपये तक शुल्क लिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हरबिलास एवं होम्योपैथिक अस्पताल भी संचालित किया जा रहा है।
नजूल भूमि का दुरुपयोग
इस नजूल जमीन का किराया एक रुपये वार्षिक है। वहां पर टाटा मोटर्स का शोरूम, टीवीएस का सर्विस सेंटर, शराब की दुकानें चल रहीं हैं। जाड़े में ऊलेन मेला, रजाई-गद्दा की अस्थायी दुकानें संचालित हो रही हैं। इससे सोसाइटी हर साल करोड़ों रुपये कमा रही है। इतना ही नहीं जिस मकसद से सोसाइटी का गठन पूर्व मुख्यमंत्री ने किया था। उसके वंशजों ने उसका उद्देश्य ही बदल दिया। संस्था का उद्देश्य सामान्य रूप से और विशेष रूप से औषधालय, स्वास्थ्य और खेल, स्टेडियम खोलकर और उनका रखरखाव करके और बच्चों के शारीरिक विकास के लिए सुविधाएं प्रदान करके सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करना था। लेकिन अब यहां शराब की दुकानें खुल चुकी हैं। लाभ रहित के बजाए संस्था ने लाभ के लिए ही ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है।
एलडीए करा चुका है सर्वे, मिलीं कामर्शियल गतिविधियां
एलडीए के नजूल अनुभाग ने बीते वर्ष पट्टागत नजूल भूमि का सर्वे कराया था। नजूल अनुभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर सर्वे किया था। नापजोख करने के साथ ही मौके पर कामर्शियल गतिविधियां संचालित होती पायीं गई। पट्टा शर्तों का उल्लघंन करने के आधार पर नजूल अधिकारी प्रभाकर सिंह की ओर से मोतीलाल मेमोरियल सोसाइटी के सचिव को 16 अप्रैल को नोटिस जारी की है। इसमें कहा गया है कि 15 दिन में जवाब न देने पर पट्टा निरस्त करते हुए एलडीए की ओर से कब्जा लेने की कार्रवाई की जाएगी।