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अपार्टमेंट के रहने वालों को ज्यादा देना पड़ेगा मेंटीनेंस चार्ज Photograph: (YBN)
- आवंटी को अपार्टमेंट के कम्प्लीशन तारीख से देना होगा तीन वर्ष का अनुरक्षण शुल्क
- एलडीए ने बदले अनुरक्षण शुल्क के नियम, पहले आओ पहले पाओ योजना पर भी लागू
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने अपार्टमेंट में अनुरक्षण शुल्क को लेकर नया आदेश जारी किया है। अब अपार्टमेंट के रहने वालों को मेंटीनेंस के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे। आवासीय अपार्टमेंट के कम्प्लीशन तारीख से तीन वर्ष का अनुरक्षण शुल्क आवंटी को निबंधन के समय ही जमा करना होगा। यह नियम पहले आओ पहले पाओ अथवा नीलामी के माध्यम से फ्लैट खरीदने वालों पर भी लागू होगा। इन नियमों से जुड़े आदेश को जारी करते हुए एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने फ्लैट खरीदने तथा बेचने के नियम एवं शर्तों में अंकित करने का निर्देश दिया है।
फ्लैट खरीददारों पर 50 हजार तक अतिरिक्त बोझ
इस तरह नए आदेश के तहत आवंटी को अब फ्लैट के निबंधन के समय फ्लैट की प्रथम निबंधन तिथि से अनुरक्षण शुल्क का भुगतान करना होगा। आवंटी को फ्लैट के निबंधन के समय अपार्टमेंट के कम्प्लीशन तारीख से तीन वर्ष का अनुरक्षण शुल्क का भुगतान करना होगा। इसके बाद फ्लैट की रजिस्ट्री तिथि से प्रत्येक माह एक रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से अनुरक्षण शुल्क देना होगा। चार महीने बाद यानी अक्टूबर से 1.50 रुपये प्रति वर्ग फुट की दरें लागू होंगी। एलडीए के इस आदेश से फ्लैट खरीददारों पर करीब 45 से 50 हजार रुपये का अतिरिक्त बोझ होगा।
प्रत्येक माह आवंटी से वसूला जाएगा मेंटीनेंस चार्ज
एलडीए ने अपने विभिन्न अपार्टमेंट में अनुरक्षण शुल्क के सम्बंध में 2018 फिर 2024 में जारी किए गए आदेश में बदलाव किया है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार की ओर से 1 मई को नया आदेश जारी किया गया है। इसके अनुसार जिस अपार्टमेंट में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) का गठन नहीं हुआ है, उस अपार्टमेंट की रजिस्ट्री के समय लखनऊ विकास प्राधिकरण ही मेंटीनेंस का कार्य करायेगा। जबकि फ्लैट के निबंधन तिथि से प्रत्येक माह अनुरक्षण शुल्क आवंटी से वसूल किया जायेगा। वसूल किये गये अनुरक्षण शुल्क से अपार्टमेंट का मेंटीनेंस सम्बंधित जोन के अधिशासी अभियंता की ओर से कराया जाएगा। इस दौरान आरडब्ल्यूए का गठन होने पर लखनऊ विकास प्राधिकरण अवशेष बची अवधि का मेंटीनेंस चार्ज आरडब्ल्यूए के खाते में भुगतान करेगा।
निबंधन तिथि से प्रत्येक माह आरडब्ल्यू को देना होगा चार्ज
जहां रेजिडेन्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन का गठन हो चुका है मगर फ्लैट अभी भी खाली हैं, उन फ्लैटों के आवंटन के बाद निबंधन के समय अपार्टमेंट के कम्प्लीशन तारीख से तीन वर्ष का अनुरक्षण शुल्क आवंटी से जमा कराया जायेगा। रेजिडेन्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन के गठन की तिथि से निबंधन की तिथि तक का अनुरक्षण शुल्क आरडब्ल्यूए के खाते में हस्तांतरित किया जायेगा। इसके बाद निबंधन तिथि से प्रत्येक माह आवंटी की ओर से आरडब्ल्यूए को अनुरक्षण शुल्क जमा करना होगा।
तीन साल बाद एलडीए देगा मेंटीनेंस चार्ज
एलडीए के फ्लैट, जो प्रथम आओ प्रथम पाओ अथवा नीलामी से बेचे जा रहे हैं, उन फ्लैटों में कप्लीशन तिथि से तीन वर्ष का अनुरक्षण शुल्क लिया जायेगा, यदि तीन वर्ष की अवधि पूर्ण हो चुकी है, तो उसके बीच के समय का अनुरक्षण शुल्क प्राधिकरण खुद जमा करेगा। फ्लैट के निबंधन के पश्चात आवंटी से निबंधन तिथि से अनुरक्षण शुल्क वसूला जायेगा। अपार्टमेंट में मेंटेनेंस चार्ज वह शुल्क है जो अपार्टमेंट के निवासियों को संपत्ति के रखरखाव और सामान्य क्षेत्रों के संचालन की लागत को कवर करने के लिए देना पड़ता है।
इस तरह से जमा करना होगा अनुरक्षण शुल्क
इसे इस तरह से समझा जा सकता है। प्रथम आओ प्रथम पाओ योजना से आपने फ्लैट खरीदा है तो आवंटन में फ्लैट के निबंधन के समय अनुरक्षण शुल्क की वसूली की जाती है। फ्लैट का आवंटन वर्ष 2024 में हुआ है तथा कप्लीशन वर्ष 2019 का है, तो कप्लीशन के तीन वर्ष पश्चात अर्थात वर्ष 2022 तक का अनुरक्षण शुल्क आवंटी से लिया जायेगा तथा वर्ष 2022 से निबंधन तिथि तक अनुरक्षण शुल्क प्राधिकरण खुद वहन करेगा। फ्लैट के निबंधन तिथि के पश्चात आवंटी को प्रत्येक माह निर्धारित दर से अनुरक्षण शुल्क का भुगतान करना होगा। वहीं, यदि आवंटन 2021 का है तो आवंटी को 2022 अर्थात कम्पलीशन के 03 वर्ष पूर्ण होने के उपरान्त से ही अनुरक्षण शुल्क देय होगा।
आवंटियों पर थोपी जा रही खामियां
पारिजात अपार्टमेंट के आवंटी समर विजय सिंह का कहना है एलडीए का इस तरह का आदेश है तो यह विरोधाभास है। एलडीए की ओर से जिस अपार्टमेंट को कूट रचित तरीके से पहले ही सीसी दिया जा चुका है, वहां के फ्लैट खरीददार से अनुरक्षण शुल्क लेना गलत है। पहले तो एलडीए ने मूल सुविधाएं ही नहीं दी, आवंटी को बिना उपयोग के ही मेंटीनेंस चार्ज देना होगा। एलडीए की खामियों को आवंटियों पर थोपा जा रहा है। पारिजात को 2020 में सीसी दिया गया था जबकि 2023 में अपार्टमेंट को फायर एनओसी मिली है। प्राधिकरण कब्जा प्रमाण पत्र देता नहीं है। पारिजात में अभी आरडब्ल्यू का गठन भी नहीं हुआ है।