लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ लोहिया संस्थान में तैनात रहे 240 सुरक्षा गार्डों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। इन गार्डों को कुछ दिन पहले अचानक ड्यूटी से हटा दिया गया था। हटाए जाने के समय प्रशासन की ओर से यह आश्वासन दिया गया था कि उन्हें एक हफ्ते के भीतर समायोजित कर दिया जाएगा, लेकिन तय समयसीमा बीत जाने के बावजूद न तो कोई नया आदेश जारी हुआ और न ही किसी स्तर पर बातचीत की पहल हुई। इसी के विरोध में सभी गार्ड दोबारा संस्थान के प्रशासनिक भवन पहुंचे।
सवाल करने पहुंचे तो जबरन खदेड़
गार्डों का आरोप है कि जब वे अपनी समस्या लेकर प्रशासनिक भवन के सामने पहुंचे, तो वहां से उन्हें जबरन खदेड़ दिया गया। इसके बाद सभी गार्ड अस्पताल के गेट नंबर-3 पर जमा हो गए और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान गार्डों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लंबे समय से वे लोहिया संस्थान में सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे थे, लेकिन अचानक उन्हें हटा दिया गया। जब वे सवाल करने पहुंचे, तो एक हफ्ते में समायोजन का वादा कर दिया गया, लेकिन अब उस वादे से मुंह मोड़ लिया गया है।
आर्थिक तंगी में सुरक्षाकर्मी
प्रदर्शनकारी सुरक्षाकर्मी संगीता ने कहा की हमने वर्षों तक निष्ठा से सेवा दी है। अब एक झटके में हमें हटा दिया गया है। ड्यूटी हटने के बाद से घर चलाना मुश्किल हो गया है। गार्डों का यह भी कहना है कि अधिकतर सुरक्षाकर्मी पहले से ही आर्थिक तंगी में जी रहे हैं। किसी के बच्चों की पढ़ाई बीच में छूटने की नौबत आ गई है तो किसी के घर में बीमारी के इलाज के लिए पैसे नहीं बचे हैं। ऐसे में बिना समायोजन किए उन्हें बाहर कर देना सरासर अन्याय है।
अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी
सुरक्षा गार्डों ने मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द किसी अन्य सरकारी विभाग या संस्थान में समायोजित किया जाए, अन्यथा वे लोहिया अस्पताल के सामने अनिश्चितकालीन धरना देने को मजबूर होंगे। वहीं लोहिया अस्पताल प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अस्पताल आने-जाने वाले मरीजों और उनके परिजनों को प्रदर्शन के कारण असुविधा का सामना भी करना पड़ा।
कोई अधिकारी बात सुनने को तैयार नहीं
कुछ समय पहले लोहिया संस्थान प्रशासन ने अपने यहां कार्यरत 240 सुरक्षाकर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। इसके पीछे ठेका कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त होना और नए सुरक्षा ठेकेदार की नियुक्ति को वजह बताया गया था। उस समय यह भरोसा दिलाया गया था कि पुराने गार्डों को एक हफ्ते में कहीं और समायोजित किया जाएगा। लेकिन अब गार्डों का कहना है कि उन्हें न तो कोई सूचना दी गई और न ही कोई अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार है।