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Lucknow में 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का हंगामा, शिक्षा मंत्री का आवास घेरा, नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की मांग

लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास के बाहर धरना दिया और जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की।

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Abhishek Mishra
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69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास के बाहर धरना दिया और जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की। इस दौरान बड़ी संख्या में अभ्यर्थी एकत्रित हुए और योगी बाबा न्याय करो के नारे लगाने लगे।

शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर पुलिस बल तैनात

प्रदर्शन को देखते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। पुलिस बल की भारी तैनाती के बावजूद अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर अडिग रहे और सरकार से जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की मांग की। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 6,800 सीटों पर अब तक आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उनका आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार की कमजोर पैरवी के कारण मामला उलझा हुआ है और वे बीते पाँच वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं।

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प्रदेशभर से जुटे महिला और पुरुष अभ्यर्थी

इस विरोध प्रदर्शन में प्रदेशभर के विभिन्न जिलों से आए महिला एवं पुरुष अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। उनका कहना है कि इस भर्ती में उनके साथ अन्याय हुआ है और सरकार की लापरवाही के कारण उनकी नियुक्ति प्रक्रिया लंबित पड़ी हुई है। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी ने कहा की हमने परीक्षा पास की, कटऑफ में भी सफल रहे, फिर भी हमें नियुक्ति नहीं मिल रही है। सरकार केवल आश्वासन दे रही है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। पाँच साल से हम बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।

शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचा प्रतिनिधिमंडल

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लगातार हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने अभ्यर्थियों से मिलने के लिए पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बुलाया। प्रदर्शन में शामिल अमरेंद्र पटेल ने कहा कि वे अब तक 100 से अधिक बार मंत्री से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है, जबकि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

सरकार ने गलती स्वीकार की, फिर भी समाधान नहीं

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि भर्ती प्रक्रिया में पिछड़े और दलित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार ने यह भी माना है कि 6,800 पदों पर नियुक्ति होनी चाहिए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में भी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता हुई है और सूची को दोबारा तैयार किया जाना चाहिए। अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द हलफनामा दाखिल किया जाए और हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्त किया जाए।

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आंदोलन तेज करने की चेतावनी

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अब सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहते हैं।

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