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लखनऊ Rajnath Singh की राजनीति का केन्द्र : अटल जी की विरासत को बढ़ाया आगे, जानिए 1974 से 2025 तक का राजनीतिक सफर

2014 में वे नरेन्द्र मोदी सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री बने और 2019 में देश के रक्षा मंत्री बनाए गए। राजनाथ सिंह का राजनीतिक सफर सिर्फ एक नेता की नहीं, बल्कि उस आत्मविश्वास, संघर्ष और समर्पण की कहानी है, जो हर किसी को प्रेरित करता है।

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Deepak Yadav
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लखनऊ राजनाथ सिंह की राजनीति का केन्द्र

लखनऊ राजनाथ सिंह की राजनीति का केन्द्र Photograph: (YBN)

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गहरा नाता है। राजनाथ सिंह की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत उत्तर प्रदेश से ही हुई थी। इसमें लखनऊ उनकी राजनीतिक का केन्द्र रहा। लखनऊ भाजपा का गढ़ भी है। राजनाथ सिंह लखनऊ लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। राजनाथ सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। उन्होंने 1974 में राजनीति में प्रवेश किया और 1977 में वे उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक चुने गए। वह 1988 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुने गए और 1991 में उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री बनने के साथ ही उनका कद और बड़ा हुआ।

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2000 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री

राजनाथ सिंह मार्च 1997 में जब वे भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष बने। अक्टूबर 2000 में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इससे पहले नवंबर 1999 में वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री बने। 2014 में वे नरेन्द्र मोदी सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री बने और 2019 में देश के रक्षा मंत्री बनाए गए। राजनाथ सिंह का राजनीतिक सफर सिर्फ एक नेता की नहीं, बल्कि उस आत्मविश्वास, संघर्ष और समर्पण की कहानी है, जो हर किसी को प्रेरित करता है। उनका जीवन और संघर्ष लखनऊ के लोगों से जुड़ा हुआ है। उनकी कड़ी मेहनत ने लखनऊ को एक नई पहचान दी है।

अटल जी की विरासत को आगे बढ़ााया 

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लखनऊ लोकसभा सीट पर अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को आगे बढ़ाने में राजनाथ सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण रही। 1991 में हुए 10वीं लोकसभा चुनाव में अटल जी ने कांग्रेस के रणजीत सिंह को हराकर लखनऊ सीट पर बीजेपी की नींव मजबूत की। इसके बाद अटल जी ने 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनावों में लगातार जीत दर्ज की। अटल जी के सक्रिय राजनीति से दूर होने के बाद 2009 में उनके निकट सहयोगी और पूर्व मंत्री लालजी टंडन ने इस सीट पर जीत हासिल की। फिर 2014 में राजनाथ सिंह ने बीजेपी की ओर से लखनऊ सीट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस की डॉ. रीता बहुगुणा जोशी को 2,72,749 मतों के बड़े अंतर से हराया। इसके बाद 2016 में रीता बहुगुणा जोशी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की। इस तरह राजनाथ सिंह ने अटल जी की विरासत को न सिर्फ संभाला, बल्कि उसे और आगे बढ़ाते हुए अपनी मजबूत राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराई।

2019 में दोबारा जीते राजनाथ

2019 के आम चुनाव में दूसरी बार राजनाथ सिंह भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतरे। उनका मुकाबला सपा की पूनम शत्रुघन सिन्हा और कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णन से था। राजनाथ सिंह ने सपा उम्मीदवार पूनम शत्रुघन सिन्हा को 3 लाख 47 हजार 302 मतों के अंतर से परास्त किया। राजनाथ सिंह को 633,026 (56.64%) और पूनम सिन्हा को 285,724 (23.57%) वोट प्राप्त हुए। कांग्रेस प्रत्याशी 180,011 (16.11%) वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। 2024 में भी यहां से उन्होंने अपनी जीत बरकरार रखी। 

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किसान परिवार में जन्मे राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 को उत्तर प्रदेश के भभुआरा गांव में हुआ था। किसान परिवार में जन्मे राजनाथ सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और केबी पोस्ट-ग्रेजुएट कॉलेज मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश में भौतिकी के व्याख्याता के रूप में कार्य किया। पांच दशक से भी ज्यादा समय से राजनीति में रहने के बाद भी उनके अंदर का शिक्षक जिंदा है। यही वजह है कि उन्हें छात्रों और देश के युवाओं से बातचीत करना बहुत पसंद है। वो किसी भी दीक्षांत समारोह या युवाओं और छात्रों से बातचीत का निमंत्रण कभी नहीं चूकते। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज शाम को अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ पहुंच रहे हैं। पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए मुंहतोड़ जवाब देने के बाद राजनाथ सिंह यह पहला लखनऊ दौरा है। वह डॉक्टर केएनएस मेमोरियल अस्पताल के रजत जयंती समारोह में शामिल होंगे।

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