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आज अंतरिक्ष से धरती पर लौटेंगे कैप्टन शुभांशु शुक्ला
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और लखनऊ निवासी शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) की अंतरिक्ष से धरती पर वापसी की प्रक्रिया आज शाम शुरू होगी। भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे उनका 'डिसेंट' (वापसी) ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। करीब 22 घंटे की यात्रा के बाद वह अमेरिका के फ्लोरिडा तट पर अटलांटिक महासागर में स्प्लैशडाउन करेंगे।
ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय
शुभांशु Axiom Space संचालित Axiom Mission 4 (Ax-4) का हिस्सा हैं, जो एक निजी लेकिन वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अभियान है। इस मिशन में चार देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने भाग लिया। शुभांशु इस अभियान के पायलट हैं और इसी के साथ वह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय वायुसेना अधिकारी बन गए हैं।
शिवजी से की बेटे की सलामती की प्रार्थना
उनकी वापसी की खबर सुनकर लखनऊ के उनके पैतृक आवास पर उत्सव जैसा माहौल है। उनके पिता एस.डी. शुक्ला ने कहा कि आज सावन का पहला सोमवार है। भगवान शिव का दिन है और हम पूरे परिवार के साथ शिव मंदिर जाकर रुद्राभिषेक करेंगे। हमने बेटे की सुरक्षा के लिए पहले भी प्रार्थना की थी और आज भी उसकी सकुशल वापसी की कामना कर रहे हैं।
मां ने कहा बेटा मिशन पूरा करके लौट रहा है
शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने नम आंखों से कहा कि यह हमारे जीवन का सबसे भावुक और गर्व का क्षण है। जब वह गया था, तब मैंने हनुमान जी से आशीर्वाद मांगा था और अब जब वह सफलतापूर्वक लौट रहा है तो शिवजी के चरणों में धन्यवाद अर्पित करूंगी। उन्होंने बताया कि शुभांशु अंतरिक्ष से अक्सर कॉल करता था और अपने अनुभव साझा करता था। वह बताता था कि वह कैसे सोता है, क्या खाता है, और अंतरिक्ष में बीज कैसे उगा रहा है। वह कहता है कि पहले हम जवान थे, अब किसान भी बन गए हैं।
अंतरिक्ष में रोशन किया भारत का नाम
शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा ने कहा कि हम सभी इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। अंतरिक्ष यात्रा जितनी रोमांचक होती है, उतनी ही जोखिम भरी भी होती है। लेकिन शुभांशु ने न केवल इस चुनौती को स्वीकार किया, बल्कि भारत का नाम भी अंतरिक्ष में रोशन किया। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले हुई वीडियो कॉल में शुभांशु ने बताया था कि अंतरिक्ष में रहकर काम करना कितना अलग और सीखने वाला अनुभव होता है।
मिशन में किए सात वैज्ञानिक प्रयोग
Axiom Mission 4 को 25 जून को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक प्रयोग करना था। शुभांशु ने इस दौरान स्वास्थ्य, कृषि और तकनीकी से जुड़े कुल सात प्रयोग किए। सबसे अहम प्रयोगों में से एक था अंतरिक्ष में मूंग और मेथी के बीजों का अंकुरण। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत अंतरिक्ष में खेती की संभावनाओं का आकलन किया गया।
वापसी के बाद मेडिकल निगरानी में रहेंगे
शुभांशु की धरती पर वापसी के बाद 14 जुलाई को उन्हें स्पेस कैप्सूल से बाहर निकाला जाएगा, जिसे 'अनलॉकिंग' कहा जाता है। इसके बाद एक सप्ताह तक उन्हें मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा। वहां उनके स्वास्थ्य की गहन जांच की जाएगी और वैज्ञानिक उनके अनुभवों को रिकॉर्ड करेंगे। इसके बाद तय किया जाएगा कि उन्हें दिल्ली भेजा जाएगा या बेंगलुरु, जहां मिशन की डिटेल जानकारी और स्वास्थ्य परीक्षण की प्रक्रिया पूरी होगी।
परिजन कर रहे इंतजार
फिलहाल शुभांशु की लखनऊ वापसी को लेकर कोई आधिकारिक योजना घोषित नहीं हुई है। परिवार के लोगों ने बताया कि वे उनके स्वागत की तैयारियां कर रहे हैं, लेकिन मिशन अधिकारियों के निर्देशानुसार ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।