लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देशन में यातायात निदेशालय एवं Institute of Road Traffic Education College of Traffic Management तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से बुधवार से 21 मार्च तक यातायात कर्मियों तथा सड़क दुर्घटनाओं की विवेचना करने वाले विवेचकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का पुलिस मुख्यालय के चिंतन सभागार में के सत्यनारायणा, निदेशक व अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात एवं सड़क सुरक्षा, बीडी पॉल्सन, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण निदेशालय, सुभाष चन्द्र दुबे, पुलिस महानिरीक्षक, यातायात निदेशालय, अरविन्द कुमार मौर्या, पुलिस उप महानिरीक्षक, यातायात निदेशालय, डॉ. रोहित बलूजा, अध्यक्ष आईआरटीई एवं निदेशक कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट, फरीदाबाद, हरियाणा की उपस्थित में शुभारम्भ किया गया।
20 जनपदों के अधिकाारियों को दिया गया प्रशिक्षण
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं एवं उनमें मृतकों की संख्या में कमी लाये जाने एवं यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिये यातायात पुलिस तथा सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संगठन प्रयासरत है।विगत 5 वर्षों में घटित सड़क दुर्घटनाओं एवं उनमें मृतकों की संख्या के आधार पर चिन्हित किये गये शीर्ष 20 जनपदों (लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, आगरा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, बरेली, हरदोई, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, उन्नाव, सीतापुर, शाहजहाँपुर, बाराबंकी, फिरोजाबाद, कुशीनगर एवं आजमगढ़) में से प्रत्येक जनपद से 1 उपनिरीक्षक यातायात एवं 1 उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस,लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) से 2. यूपीडा से 1, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से 2 एवं परिवहन विभाग से 5 प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।प्रशिक्षण कार्यशाला में बुधवार को सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित एजेन्सियों की भूमिकाएँ और जिम्मेदारी, यातायात से सम्बन्धित नियम/कानून, सड़क दुर्घटना जाँच और प्रबन्धन, फोरेंसिक साक्ष्य संग्रह विषयों पर जानकारी प्रदान की गयी।