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NCR की राह पर लखनऊ : 71 करोड़ से तैयार होगा रीजनल प्लान, छह साल में आकार लेगा SCR

एससीआर को सफल बनाने के लिए वर्ल्ड बैंक सहयोग करेगा। विकसित देशों में किये गये ऐसे प्रोजेक्ट्स की जानकारी साझा करेगा। एससीआर का कुल क्षेत्रफल 26,700 वर्ग किलोमीटर होगा।

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Deepak Yadav
एनसीआर की राह पर लखनऊ

एनसीआर की राह पर लखनऊ Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ जल्द ही दिल्ली-एनसीआर की राह पकड़ेगा।  स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) के अंतर्गत लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव व रायबरेली में नियोजित रूप से विकास व अवस्थापना के कार्य कराये जाएंगे। इससे इन जनपदों में लोगों को निवास के लिए बेहतर माहौल मिलेगा, रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे और आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण के पारिजात सभागार में शुक्रवार को हुई एक अहम बैठक में हाईलेवल कमेटी के चेयरमैन केशव वर्मा के समक्ष योजना का प्रेजेन्टेशन दिया गया। इस मौके पर प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग पी गुरूप्रसाद, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, मण्डलायुक्त डॉ रोशन जैकब, प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, आवास बंधु के निदेशक रवि जैन व मुख्य नगर नियोजक केके गौतम समेत वर्ल्ड बैंक की टीम, शहरी योजनाकार व अभियंता उपस्थित रहे। 

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एईकॉम-एजीस कंसोर्टियम का चयन

बैठक में एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि यूपीएससीआर के लिए जीआईएस आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने के लिए कंसल्टेंट के रूप में एईकॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं एजीस इंडिया कन्सल्टिंग इंजीनियर्स प्रा.लि. के कंसोर्टियम का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि 71 करोड़ रुपये की लागत से कंसल्टेंट कंपनी द्वारा एक वर्ष में रीजनल प्लान तैयार किया जाएगा। जिसके बाद कंपनी अगले पांच वर्ष में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिन्हित करते हुए उनका डीपीआर तैयार करेगी। साथ ही स्थल पर परियोजनाओं को क्रियान्वित कराने का काम सुनिश्चित कराएगी। 

एससीआर के लिए वर्ल्ड बैंक करेगा मदद  

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बैठक में वर्ल्ड बैंक की टीम भी मौजूद रही। जिनके द्वारा बताया गया कि वर्ल्ड बैंक की सहभागिता से कई विकसित देशों के शहरों में इस तरह का नियोजित विकास किया गया है। टीम के सदस्यों ने बताया कि वह एस0सी0आर0 को बेहतर ढंग से विकसित करने के लिए इस तरह की सफल परियोजनाओं की सूचनाएं साझा करेंगे। एस0सी0आर0 के रीजनल प्लान में हेरिटेज व सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजा जाएगा।

तेज व सुगम कनेक्टिविटी से होगा आर्थिक विकास

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि एससीआर का क्षेत्रफल लगभग 26,700 वर्गकिलोमीटर होगा। इसमें शामिल लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली में आधारभूत सुविधाओं को उच्चीकृत किया जाएगा। जनपदों के बीच हाई स्पीड कनेक्टिविटी का प्रावधान किया जाएगा। इसके तहत मिसिंग रोड नेटवर्क को पूर्ण किया जाएगा, रैपिड रेल, रिंग रोड व एक्सप्रेस-वे का काम कराया जाएगा। आवागमन तेज और सुगम होने से औद्योगिक व व्यावसायिक विकास को बल मिलेगा। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और प्रदेश का आर्थिक विकास होगा। 

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गांवों तक पहुंचेंगी शहरी सुविधाएं 

उपाध्यक्ष ने बताया कि एससीआर में शामिल अन्य जनपदों की तुलना में लखनऊ अधिक विकसित है। आसपास के जनपदों से रोजाना हजारों लोग व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत विभिन्न कारणों से लखनऊ आते हैं। एससीआर के धरातल पर उतरने से अन्य जनपदों में भी समानांतर रूप से विकास होगा। इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार व व्यवसाय के अवसर सृजित होंगे। गांवों तक शहरी सुविधाएं पहुंचेंगी और लोगों को उनके क्षेत्र में ही निवास, व्यापार व नौकरी आदि के लिए बेहतर माहौल मिलेगा।

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