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राजधानी की सड़कों पर रफ्तार फिर मौत बनकर दौड़ी। अलग-अलग इलाकों में हुए दो दर्दनाक हादसों ने तीन जिंदगियों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया। एक ओर सुबह की सैर पर निकले रिटायर्ड पुलिस अफसर को तेज रफ्तार वाहन ने कुचल दिया, वहीं दूसरी ओर शादी समारोह में जा रहे परिवार की स्कूटी को कार ने टक्कर मार दी, जिसमें मां और बेटे की मौत हो गई।
मौत की खबर सुनते ही दो परिवारों में छाया मातम
राजधानी में शनिवार और शुक्रवार की रात दो अलग-अलग स्थानों पर हुए सड़क हादसों ने दो परिवारों को गमगीन कर दिया। पहली घटना शनिवार सुबह थाना पारा क्षेत्र में हुई, जहां मॉर्निंग वॉक पर निकले 63 वर्षीय अवधेश बहादुर मौर्य पुत्र मोहन मौर्य को भूहरपुल के पास किसी अज्ञात वाहन ने पीछे से टक्कर मार दी। अवधेश मौर्य अशोक विहार, आलमनगर निवासी थे और उत्तर प्रदेश पुलिस से उपनिरीक्षक पद से रिटायर्ड थे।
हादसे की सूचना पर पहुंची पीआरवी 112
टक्कर के बाद वे गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस और पीआरवी 112 मौके पर पहुंची। उन्हें तुरंत केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने परिजनों को सूचना देकर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
स्कूटी को तेज रफ्तार कार ने मारी टक्कर
दूसरी घटना ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात करीब 8:30 बजे हुई, जब दुबग्गा की कांशीराम कॉलोनी निवासी मतीन अपनी पत्नी सीमा वारसी (32) और 10 वर्षीय बेटे ईशान के साथ स्कूटी से बादशाहनगर शादी समारोह में जा रहे थे। प्रेरणा स्थल के पास पीछे से तेज रफ्तार कार ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी। सीमा और ईशान उछलकर डिवाइडर पर जा गिरे जबकि मतीन दूर तक घिसटते चले गए।
पुलिस की लापरवाही से ईशान की गई जान
हादसे के बाद आरोपी कार सवार मौके से फरार हो गया। घायल अवस्था में तीनों को ट्रामा सेंटर लाया गया जहां सीमा को मृत घोषित कर दिया गया। ईशान ने इलाज के दौरान शनिवार सुबह दम तोड़ दिया, जबकि मतीन अस्पताल में भर्ती हैं। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय से मदद मिल जाती तो शायद ईशान की जान बच सकती थी।दोनों घटनाओं ने न केवल परिवारों को तोड़ दिया बल्कि शहर में सड़क सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था की गंभीर स्थिति को भी उजागर कर दिया है।