लखनऊ में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है, जिससे जल्द ही इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक चौराहे पर जाम की समस्या खत्म होगी। वहीं ग्रीन कॉरिडोर से भी लखनऊ के एक बडे हिस्से को राहत मिलनें जा रही है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को ट्रैफिक जाम की स्थिती से लगातार जूझना पडता है। इस समस्या के समाधान के लिये लगातार कोशिशें हो रही है। और अब ये कोशिशें रंग लाती भी दिख रही है। मौजूदा वक्त लखनऊ की जाम की समस्या को लेकर चल रही परियोजनाएं पर तेज़ी से काम हो रहा है। जिसमें से इंजीनियरिंग कालेज से पालीटेक्निक चौराहे पर ट्रैफिक जाम की स्थिती से फरवरी में ही काफी हद तक निजात मिलनें की उम्मीद है। तो वहीं लखनऊ में बन रहे ग्रीन कारीडोर का दूसरा फेज़ भी एक साल मे पूरा होने की बात कही जा रही है।
खुर्रमनगर फ्लाईओवर
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इंजीनियरिंग चौराहे से पालीटेक्निक चौराहे तक कर सफर होगा आसान
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दो साल से बन रहा खुर्रमनगर फ्लाईओवर का उद्घाटन इसी महीनें में प्रस्तावित है. माना जा रहा है कि 14 फरवरी को लखनऊ सांसद राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ इस को लखनऊ की जनता को समर्पित कर सकते हैं। तकरीबन 8 किलोमीटर के इस सफर को पूरा करने में जहां पहले घंटो लगते थे, अब दो नये फ्लाईओवर बन जानें से ये सफर चंद मिनटो में पूरा हो जायेगा। सनद रहे कि ये रुट लखनऊ के व्यस्तम रुट मे से एक हुआ करता है। टेढ़ी पुलिया पर पहले ही फ्लाईओवर बन चुका है और आम जनता को इसका फायदा भी मिल रहा है। अब इस रुट पर खुर्रमनगर फ्लाईओवर भी जनता के लिये खोला जा चुका है. 2.5 किलोमीटर लम्बे खुरर्मनगर फ्लाईओवर के पूरा होने से 5 लाख से अधिक लोगों को राहत मिलनें जा रही है।
ग्राीन कॉरिडोर परियोजना, लखनऊ
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ग्रीन कॉरिडोर बननें से भी मिलगी बडी राहत
ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण से आईआईएम रोड और जानकारीपूरम विस्तार में रहनें वाले लोगों को पुरानें लखनऊ पहुंचने मे बेहद आसानी हो रही है और उनको जाम से भी निज़ात मिल रही है। अब ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के दूसरे चरण नें भी तेज़ी पकड़ ली है। पहले चरण मे इस कॉरिडोर से आईआईएम रोड से पक्का पुल तक का सफर बेहद आसान कर दिया है। तो वहीं दूसरे चरण में अब समतामूलक चौराहे तक गाड़िया फर्राटा भर पाएंगी। इस परियोजना में कुकरैल नदी और निशातगंज पर 4-लेन ब्रिज का निर्माण कार्य 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। परियोजना के दूसरे चरण को पूरा मार्च 2026 कर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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