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लखनऊ विश्वविद्यालय फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन में कार्यशाला का आयोजन
लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग, फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन में प्राणायाम का दर्शन और विज्ञान विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रोफेसर मनुका खन्ना ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस मौके पर आरके सिंह, निदेशक, द्वितीय परिसर भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यशाला का उद्देश्य योग और प्राणायाम के माध्यम से स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचाव के उपायों को समझाना था।
योग और प्राणायाम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार
प्रोफेसर मनुका खन्ना ने कहा कि योग जीवन का अनमोल हिस्सा है, और यह जीवनशैली जनित बीमारियों से बचाव में बेहद प्रभावी है। उन्होंने बताया कि प्राणायाम का अभ्यास शरीर को शुद्ध करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जो विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए लाभकारी है। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर आरके सिंह ने भी प्राणायाम के लाभों पर जोर देते हुए कहा कि इसके अभ्यास से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और जीवन में स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
रक्त और हृदय की कार्यप्रणाली को रखता है स्वस्थ
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर ने कहा कि जीवन की अमूल्यता को समझते हुए प्राणायाम का अभ्यास करना जरूरी है। विभाग के को-आर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने भी प्राणायाम के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह रक्त और हृदय की कार्यप्रणाली को स्वस्थ रखता है और दमा व फेफड़ों की बीमारियों से बचाव करता है।
प्राणायाम के विभिन्न अभ्यासों की बताई गई विधि
कार्यशाला के दौरान योग विशेषज्ञों कृष्ण कुमार शुक्ला, किशोर कुमार शुक्ला, डॉ. रामनरेश, डॉ. रामकिशोर और डॉ. कैलाश कुमार ने प्राणायाम के विभिन्न अभ्यासों की विधि बताई। 27 फरवरी को सूर्यभेदी, चंद्रभेदी, उज्जायी और भस्त्रिका प्राणायाम के सत्र आयोजित किए जाएंगे। उद्घाटन सत्र के बाद, विभाग की छात्राओं ने शिव स्तुति प्रस्तुत की, और निकिता ने शिव तांडव प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों में ऊर्जा का संचार किया।