लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
लखनऊ में मौसम ने एक बार फिर अचानक करवट ले ली है। शुक्रवार की रात शहरवासियों ने गरज-चमक और झमाझम बारिश का अनुभव किया। तेज हवाओं और बादलों की गड़गड़ाहट के बीच हुई बारिश ने गर्मी से राहत तो दी, लेकिन इसके साथ ही लोगों को सतर्क रहने की भी जरूरत है। मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों के लिए भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है।
तेज बारिश और झोंकों वाली हवाएं रहेंगी सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह के अनुसार शनिवार को राजधानी और आसपास के इलाकों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है। हवाएं 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, जिससे पेड़ गिरने या कच्चे ढांचों को नुकसान पहुँचने की आशंका बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल को भी बादल छाए रहेंगे और दिन के समय हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके बाद मौसम में सुधार की संभावना है और धूप निकलने लगेगी।
मौसम में बदलाव के पीछे क्या है वजह
लखनऊ समेत उत्तर भारत में मौसम के इस परिवर्तन के पीछे कई वायुमंडलीय घटनाएं जिम्मेदार हैं। पंजाब और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण प्रणाली सक्रिय है। इसके कारण बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त पूर्वी हवाएं उत्तर भारत की ओर बढ़ रही हैं। इसके साथ ही पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है, जो उत्तर भारत में बारिश और ठंडी हवाओं का मुख्य कारक होता है। इन दोनों प्रणालियों का टकराव फिलहाल उत्तर प्रदेश के ऊपर हो रहा है, जिसके चलते मौसम तेजी से बदल रहा है।
तापमान में आई गिरावट, लोगों को मिली राहत
शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में अधिकतम तापमान 32.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य औसत से 4.3 डिग्री सेल्सियस कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो औसत से 1.6 डिग्री कम रहा। अधिकतम आर्द्रता 90 प्रतिशत और न्यूनतम आर्द्रता 45 प्रतिशत रही। दिन के समय तेज धूप के बावजूद हवा में नमी बनी रही, लेकिन रात के समय में मौसम ने अचानक करवट ली और बारिश ने शहर को भिगो दिया।
कृषि और जनजीवन पर असर
लगातार बदलते मौसम का असर खेती पर भी देखने को मिल सकता है। गेहूं की कटाई और मड़ाई का समय चल रहा है, ऐसे में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हो सकता है। वहीं, आम, लीची और तरबूज जैसे मौसमी फलों पर भी इसका असर पड़ सकता है। शहरी इलाकों में तेज हवाओं के कारण बिजली आपूर्ति, यातायात और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाएं भी सामने आ सकती हैं। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान घरों में ही रहें और बाहर निकलते समय सतर्कता बरतें।