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रक्षाबंधन पर सजी रजी हसन की दुकान Photograph: (YBN)
नवाबों का शहर लखनऊ अपनी मोहब्बत, नफासत और नज़ाकत के लिए अलग पहचान रखता है। लखनऊ अपनी गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए भी पूरे देश में जाना जाता है। यहां हमेशा से हिंदू मुसलमान एक दूसरे के साथ रहते आए है और एक दूसरे के त्यौहारों में बढ़चकर हिस्सा लेते है। यहां हिंदू ईद पर सिंवई खाने और होली पर मुसलमान गुझिया खाने एक दूसरे के घर जाते है।
पिछले चालीस साल से बाज़ार में बिक रही इस परिवार की राखियां
रक्षाबंधन का त्यौहार हिंदू भाई बहनों के लिए बेहद खास है। इस दिन सभी बहने अपने हिंदू भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधकर रक्षा का संकल्प दिलाती है। लेकिन लखनऊ में एक ऐसा मुस्लिम परिवार है जो खुद तो रक्षाबंधन मनाता ही है लेकिन उनके घर पर पिछले चालीस साल से राखी बनाने का काम हो रहा है। लखनऊ शहर में बड़ी संख्या में इनके परिवार से तैयार होती राखी बाजारों में पहुंचती है। पुराने लखनऊ के चौक इलाके में इनकी खुद की अपनी दुकान भी सजती है जिसपर हिंदू बहने इस परिवार से ही राखी खरीदने पहुंचती है।
तीसरी पीढ़ी कर रही राखी बनाने का काम
लखनऊ के रजी हसन ने young Bharat News से खास बातचीत में बताया कि उनके पिता इस काम को सबसे पहले किया करते थे। आज से तकरीबन चालीस साल पहले घर से राखी बनाने का काम शुरू हुआ। तब सिर्फ घर के ही सदस्य काम करते और उनके पिता बेचने जाते थे। वक्त के साथ लोगों को इस मुस्लिम शख्स की राखियां पसंद आने लगी और फिर यहां से कारीगर रखने की शुरुआत हुई। रजी हसन बताते है कि आज उनके घर पर मौजूद कारखाने में एक दर्जन से ज़्यादा कारीगर है जिसमें हिंदू के साथ मुसलमान भी शामिल है। रजी हसन के साथ अब उनके भतीजे इस काम को आगे बढ़ा रहे है और चौक में एक दुकान राखी की हर साल लगती चली आ रही है। उनका कहना है कि नए कस्टमरों के साथ उनके फिक्स्ड कस्टमर भी है। जो पिछले कई सालों से उनसे ही राखी लेने आ रहे है। शहर में बड़े पैमाने पर राखी सप्लाई करने का काम भी उनके साथ उनकी अगली पीढ़ी कर रही है।
गंगा जमुनी तहज़ीब को कायम रखे परिवार
राजनीति और कुछ नेताओं ने भले ही हिंदू मुसलमान को लड़वाने और बांटने की भरपूर कोशिश की हो। लेकिन लखनऊ में रजी हसन का परिवार आज भी इस काम और त्यौहार से दूर नहीं हुआ। उनकी बहने उनके राखी बांधती है और दुकान पर भी उनसे हिंदू बहने खरीदारी करती है। मुस्लिम की दुकान से समान नहीं खरीदने की नफरत पैदा करने के सवाल पर रजी हसन कहते है कि उनकी दुकान पर इसका कोई असर नहीं दिखाई पड़ता है। वह कहते है कि महंगाई का जरूर असर है लेकिन हिंदुओं से मुसलमानों से सामान नहीं लेने का आह्वान बिल्कुल भी नहीं दिखाई देता। वह कहते है कि राखी बनाने का रॉ मैटीरियल हिंदू घरों से आता है और फिर मुसलमानों की कारीगरी से राखी बांधकर तैयार होती है। शायद इसी का नाम है गंगा जमुनी तहज़बी।