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नगर निगम ने वेयरहाउस में थर्माकोल जलाने पर ठोका 50 हजार रुपये का जुर्माना

लखनऊ नगर निगम की टीम ने सोमवार को NGT के आदेशों की अवेहलना करने पर वेयरहाउस पर पच्चास हज़ार रुपए का जुर्माना ठोका। मौके पर ठेकेदार ने जुर्माने की रकम अदा की

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Mohd. Arslan
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थर्माकोल की आग बुझवाते नगर निगम के अफसर Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

राजधानी लखनऊ में प्रदूषण फैलाने और पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी करने वालों पर नगर निगम ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। बीबीडी क्षेत्र स्थित क्राउन प्लाज़ा मॉल के पास एक वेयरहाउस में थर्माकोल और कूड़ा जलाने के मामले में नगर निगम की जोन-7 टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मौके पर ही 50,000 रुपए का जुर्माना वसूला।

काला धुआं उठता देख मौके पर पहुंचे अधिकारी

जोनल सेनेटरी ऑफिसर देवेंद्र कुमार वर्मा और कर अधीक्षक राम अचल के नेतृत्व में टीम ने यह कार्रवाई सोमवार को की। निरीक्षण के दौरान टीम के साथ एसएफआई रूपेंद्र भास्कर भी मौजूद थे। नगर निगम ने बताया कि यह कार्रवाई नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देश पर की गई। दरअसल सोमवार सुबह निरीक्षण के दौरान क्राउन मॉल के पास स्थित एक वेयरहाउस से काले धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया। संदेह होने पर अधिकारी तत्काल मौके पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने पाया कि वेयरहाउस के अंदर थर्माकोल और अन्य कचरे को जलाया जा रहा था।

ठेकेदार पर मौके पर ही वसूला गया जुर्माना

जांच में पता चला कि वेयरहाउस की सफाई का कार्य चल रहा था। सफाई के दौरान निकले थर्माकोल और अन्य अपशिष्ट को ठेकेदार द्वारा आग के हवाले कर दिया गया था। यह कार्य वहां कार्यरत ठेकेदार जाकिर नामक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था। अधिकारियों ने मौके पर ही राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेशों का हवाला देते हुए कार्रवाई की। NGT के दिशानिर्देशों के अनुसार, प्लास्टिक, थर्माकोल और अन्य गैर-पर्यावरणीय कचरे को जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।

ठेकेदार को मिली सख्त चेतावनी

जोनल टीम ने मौके पर ही ठेकेदार जाकिर पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया, जिसे उसने तत्काल जमा भी कर दिया। अधिकारियों ने ठेकेदार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी गतिविधि दोहराए जाने पर कानूनी कार्रवाई और अधिक भारी दंड लगाया जाएगा। नगर निगम अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की घटनाओं की सूचना निगम नियंत्रण कक्ष या हेल्पलाइन नंबर पर दें, ताकि तत्काल कार्रवाई की जा सके और पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सके।

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