Advertisment

सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की बड़ी कार्रवाई, 5 करोड़ की संपत्ति बचाई गई

लखनऊ मंडलायुक्त इन दिनों सरकारी ज़मीनों पर कब्ज़ा किए भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़े है। नगर निगम की टीम ने शुक्रवार को 5 करोड़ रुपए कीमत की सरकारी ज़मीन को खाली कराया।

author-image
Mohd. Arslan
कब्ज़ा हटाती टीम

कब्ज़ा हटाती टीम Photograph: (YBN )

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

मण्डलायुक्त और नगर आयुक्त लखनऊ के निर्देश पर ग्राम बिजनौर, तहसील सरोजनी नगर में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया गया। इस अभियान के अंतर्गत नगर निगम और तहसील प्रशासन की संयुक्त टीम ने सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया।

तालाब की ज़मीन पर किया कब्ज़ा 

इस विशेष अभियान का नेतृत्व अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव द्वारा गठित टीम ने किया। ग्राम बिजनौर स्थित  भूमि, जो राजस्व अभिलेखों में ऊसर और तालाब के रूप में दर्ज है और नगर निगम की संपत्ति है, पर स्थानीय प्रॉपर्टी डीलरों व कुछ व्यक्तियों द्वारा अवैध प्लाटिंग, पिलर निर्माण, नींव भराई और सीमेन्टेड बाउंड्रीवाल खड़ी कर अतिक्रमण करने का प्रयास किया जा रहा था।

टीम में शामिल रहे यह अधिकारी

नगर निगम की संपत्ति प्रभारी अधिकारी संजय यादव के निर्देशन में तहसील प्रशासन की टीम, जिसमें तहसीलदार  अरविन्द पाण्डेय, नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार, नगर निगम के राजस्व निरीक्षक अविनाश चन्द्र तिवारी, लेखपाल मृदुल मिश्रा एवं सन्दीप यादव, तथा तहसील सरोजनी नगर के लेखपाल आदेश शुक्ला शामिल थे, ने जेसीबी मशीन की सहायता से अवैध निर्माण को ध्वस्त किया और भूमि को कब्जे से मुक्त कराया। मौके पर थानाध्यक्ष बिजनौर द्वारा उपलब्ध कराई गई पुलिस बल, पीएसी फोर्स और नगर निगम की ईटीएफ टीम भी मौजूद रही जिससे कार्रवाई शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हो सकी।

5 करोड़ रुपए संपत्ति की कीमत

इस अभियान के अंतर्गत कुल 0.305 हेक्टेयर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, इस भूमि की वर्तमान बाजार कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह कार्यवाही सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी इस प्रकार की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई लगातार जारी रहेंगी। प्रशासन द्वारा आम जनता से अपील की गई है कि वे सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण या कब्जा करने से बचें अन्यथा उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

Advertisment
Advertisment
Advertisment