लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ के सरोजनीनगर में शनिवार शाम अमौसी स्टेशन रोड स्थित रस फैक्टरी में अचानक भीषण आग लग गई। फैक्टरी में मालिक मवैया निवासी अखिलेश (45 वर्ष) और उनका कर्मचारी अबरार (45 वर्ष) फंस गए। फैक्टरी में उठती आग की ऊंची लपटों और घने धुएं को देख कर स्थानीय लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। मौके पर दमकल की 14 गाड़ियां पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अग्निकांड में अखिलेश और अबरार की जलकर मौत हो गई।
वेल्डिंग की चिंगारी से लगी आग
अमौसी स्टेशन रोड पर गंगा विहार में अखिलेश की स्वीटी फूड नाम से चार मंजिला रस फैक्टरी है। मृतक अखिलेश के बेटे ऋतिक ने बताया कि फैक्टरी में बेकरी का काम होता था। करीब साल से फैक्टरी बंद थी। तीन दिन पहले ही दोबारा फैक्टरी का संचालन शुरू किया था। वहां वेल्डिंग का काम हो रहा था। संभवत: वेल्डिंग के दौरान निकली चिंगारी से अचानक आग लग गई।
फैक्टरी में मौजूद थे मालिक और कर्मचारी
अग्निकांड के दौरान साढ़े चार बजे अखिलेश फैक्टरी में अखिलेश और दस कर्मचारी काम कर रहे थे। अचानक फैक्टरी से ऊंची-ऊंची आग की लपटें उठती देख सभी लोग घबरा गए। अखिलेश और अबरार ने आग बुझाने में जुट गए। जबकि अन्य नौ कर्मचारी शोर मचाते हुए बाहर भाग निकले। आसपास के दुकानदारों ने तुरंत दमकल विभाग और पुलिस को सूचना दी। एडीसीपी दक्षिणी अमित कुमावत, एसीपी कृष्णानगर विकास पांडेय, एसडीएम सरोजनीनगर सचिन वर्मा, तहसीलदार और इंस्पेक्टर राजदेव प्रजापति पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए।
केमिकल और ऑक्सीजन टैंक फटने से भड़की आग
देखते ही देखते आग विकराल हो गई और पूरी फैक्टरी को अपनी चपेट में ले लिया। लपटों की तपिश से ताबड़तोड़ फैक्टरी के छत पर रखे केमिकल और ऑक्सीजन टैंक एक बाद एक फटने लगे। इससे लोगों में दहशत मच गई। धमाके इतने तेज थे कि पड़ोसियों के मकान में लगी खिड़कियों के शीशे चिटक गए। फैक्टरी के बाहर खड़ी एक कार को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया। आग की भीषण तपिश से छत पर रखे केमिकल और ऑक्सीजन टैंकों एक के बाद एक विस्फोट होने लगा। धमाकों से पूरे इलाके में दहशत फैल गई। विस्फोट इतने जबरदस्त थे कि आसपास के घरों की खिड़कियों के शीशे तक टूट गए। फैक्टरी के बाहर खड़ी एक कार भी लपटों की चपेट में आकर पूरी तरह जलकर राख हो गई।
14 गाड़ियों से आग पर पाया काबू
सीएफओ मंगेश कुमार और एफएसओ सरोजनीनगर दो गाड़ियों और टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। दमकल कर्मी दो भागों में बंट गए और आग पर काबू पाने की कोशिश करने लगे। मगर आग और विकराल होती चली गई। ऐसे में फायर स्टेशन हजरतगंज, आलमबाग, चौक और पीजीआई से 14 गाड़ियां बुलाई गईं। एक टीम हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म पर चढ़कर छत तक पहुंची और आग बुझाने में लग गई। जबकि दूसरी टीम नीचे रेस्क्यू में लगी रही।
पांच घंटे में आग पर पाया काबू
दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद पांच घंटे में आग को पूरी तरह से बुझा लिया। इसके बाद दमकल कर्मियों को मालिक और कर्मचारियों के फैक्टरी में फंसे होने की जानकारी मिली। दमकल ने स्मोक एग्जॉस्ट से धुआं बाहर निकाला। फिर वीआर सेट पहनकर वे फैक्टरी में दाखिल हुए और दोनों का पता लगाने लगे। इस बीच एसडीआरएफ जवान भी मौके पर पहुंच गए। टीम ने दस मिनट में दोनों को निकालकर लोकबन्धु अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।