लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
शुक्रवार को लखनऊ में जुमें की नमाज़ के बाद बड़े इमामबाड़े स्थित आसिफी मस्जिद पर वरिष्ठ शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान मौलाना ने वक्फ एमेंडमेंट बिल पर गंभीर चिंताएं व्यक्त कीं। मौलाना ने इस बिल को "वक्फ खत्म बिल" करार दिया। साथ ही बीजेपी सरकार को कांग्रेस सरकार के नक्शे कदम पर चलने वाला शिशु बताया।
रिटायर्ड जज से जांच की मांग
इमाम ए जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी शुक्रवार को बेहद गुस्से में नज़र आए। वक्फ बिल से लेकर हुसैनाबाद ट्रस्ट के मामलों पर नकवी ने अपना गुस्सा इजहार किया। मौलाना ने जिला अधिकारियों और कमिश्नरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे इमामबाड़ों और वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने शाही शिफ़खाने की बिक्री का मुद्दा भी उठाया और मांग की कि एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा इन सभी मामलों की जांच की जाए।
इजरायल में नीति बनने का आरोप
धर्म गुरु ने वक्फ एमेंडमेंट बिल को भेदभावपूर्ण बताते हुए सवाल उठाया कि ऐसी शर्तें केवल मस्जिदों के लिए क्यों हैं, जबकि एक लाख से अधिक मंदिर सरकारी जमीन पर स्थित हैं। उन्होंने इस नीति की तुलना इजरायल की नीतियों से की और चेतावनी दी कि यह बिल केवल कुछ नेताओं की "गद्दारी" से पारित हो सकता है। इस दौरान सरकार पर आग बबूला मौलाना ने कहा कि यहां कि पॉलिसियां इज़रायल में बन रही है और लागू यह लोग कर रहे।
मौलाना अरशद मदनी और ओवैसी से की अपील
मौलाना ने जमीयत चीफ मौलाना अरशद मदनी और ऑल इंडिया मजलिस ए इतिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अरशद मदनी बड़े लीडर है ऐसे में मेरी गुजारिश है कि वह इस मामले पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन बुलाएं। उन्होंने सरकार पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन अधिकारियों पर सरकार को भरोसा नहीं है, उन्हीं को अधिकार दिए जा रहे हैं। उन्होंने अंबानी के घर को लेकर भी सवाल उठाए, जो उनके अनुसार वक्फ की जमीन पर बना है।