लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में रविवार को बड़ा फेरबदल हुआ है। पार्टी की मुखिया मायावती ने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को सभी पदों से हटा दिया है। उनकी जगह उनके पिता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार (Anand Kumar) और राज्यसभा सांसद राम जी गौतम (Ram ji Gautam) को बसपा का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया है। मायावती पहले ही अपने समधी और कई राज्यों के प्रभारी रहे अशोक सिद्धार्थ (Ashok Siddharth) को गुटबाजी के चलते पार्टी से निकाल चुकी हैं। इसके साथ ही आकाश आनंद को भी चेतावनी दी थी। मायावती ने आकाश आनंद को सभी पदों से हटाने के पीछे उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को जिम्मेदार बताया है।
मेरे लिए पार्टी व मूवमेन्ट पहले
मायावती ने रविवार को लखनऊ में देश भर के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें उन्होंने पार्टी में किए गए इस बड़े फेरबदल की घोषणा की। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अब मैंने यह फैसला किया है कि मेरे जीते जी व मेरी आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। इस फैसले का पार्टी के सभी लोगों ने दिल से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए पार्टी व मूवमेन्ट पहले है। भाई-बहन व उनके बच्चे तथा अन्य रिश्ते नाते आदि सभी बाद में हैं।
आकाश को दिया था अल्टीमेटम
मायावती ने 18 दिन पहले अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने आकाश आनंद को अल्टीमेटम देते हुए स्पष्ट किया था कि बसपा का वास्तविक उत्तराधिकारी वही होगा जो कांशीराम की तरह हर दुख-तकलीफ सहकर पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ पार्टी के लिए आखिरी सांस तक संघर्ष करे और मूवमेंट को आगे बढ़ाए। आज, बसपा सुप्रीमो ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर चल रही सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया कि उनके जीते जी पार्टी में कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा।
पहले भी छीन चुकी हैं जिम्मेदारियां
बसपा की 10 दिसम्बर 2023 को यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर घोषित किया था। उन्होंने पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए आकाश पर भरोसा जताया था। हालांकि सात मई 2024 को आकाश एक गलत बयान के चलते मायावती ने उनसे सभी जिम्मेदारियां छीन ली थीं। उस समय मायावती ने कहा था कि आकाश अभी राजनीतिक रूप से अपरिपक्व हैं। इसके बाद 23 जून 2024 को मायावती ने अपना फैसला बदलते हुए आकाश को फिर से नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंप दी थी। अब फिर आकाश आनंद से सारी जिम्मेदारियां छीन ली हैं।
सपा-भाजपा पर साधा निशाना
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बावजूद भी समाजवादी पार्टी की हार का जिक्र करते कहा कि अब इसके लिए सपा किसको जिम्मेदार ठहराएगी। चूंकि उपचनुाव में पार्टी की हार के लिए सपा ने बसपा को जिम्मेदार ठहराने का मिथ्या प्रचार किया था। जबकि कुल मिलाकर सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। भाजपा व अन्य जातिवादी पार्टियों को केवल अम्बेडकरवादी नीति व सिद्धान्त वाली बसपा ही पराजित कर सकती है।
कांशीराम जयंती कार्यक्रम की रूपरेखा घोषित
मायावती ने 15 मार्च को बसपा संस्थापक कांशीराम की जयंती के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केवल मेरठ मण्डल के पार्टी के सभी लोग, पूर्व की तरह ही गौतम बुद्ध नगर के नोएडा में 'राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल' में कांशीराम को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे और पार्टी व मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने का पुनः संकल्प लेंगे।
पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने में जुटीं बसपा प्रमुख
मायावती दो साल बाद होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन में बदलाव कर नए सिरे से खड़ा करने में जुट गई हैं। बसपा सुप्रीमो ने इससे पहले 25 फरवरी को भी पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग मीटिंग कर चुकी हैं। वर्ष 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्होंने पहली बार मंडल से लेकर जिले स्तर तक 1028 प्रभारी बनाए हैं। 18 मंडलों में से प्रत्येक में चार-चार, 75 जिलों में से हर एक में दो-दो और 403 विधानसभा क्षेत्रों में भी दो-दो प्रभारी बनाये गए हैं। संगठन के मंडल इंचार्ज व जिला अध्यक्ष के साथ रहते हुए प्रभरी बसपा की सत्ता में वापसी के लिए जुटेंगे।