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Lucknow में सक्रिय था meerut का टप्पेबाज गैंग, Police ने दबोचे चार शातिर,Sir आपकी गाड़ी चढ़ गई कहकर उड़ाते थे मोबाइल व अन्य सामान

लखनऊ की गलियों में शातिर टप्पेबाजों का ऐसा गिरोह घूम रहा था, जो चालाकी से बातों में उलझाकर लोगों के मोबाइल और पर्स उड़ा लेता था। लेकिन अब इस गिरोह की चोरी की कहानी खत्म हो चुकी है। पुलिस ने मेरठ से आए चार टप्पेबाजों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

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Shishir Patel
 टप्पेबाज

टप्पेबाज गैंग का खुलासा करते डीसीपी मध्य।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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राजधानी लखनऊ में टप्पेबाजी करके पुलिस की नींद हराम करने वाला गैंग मेरठ का निकला। गौतमपल्ली पुलिस ने गैंग का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के चार सदस्यों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 23 महंगे स्मार्टफोन (जिनमें 9 iPhone शामिल हैं),1650 नकद और एक कार बरामद की गई है। पूछताछ में पता चला कि ये लोग यहां पर अपने ऊपर गाड़ी चढ़ा देने का बहाना बनाकर उनके सीट से मोबाइल व बैग लेकर फरार हो जाते हैं। चोरी के मोबाइल को करोल बाग मार्केट में ले जाकर बेच देते थे। मेरठ के रहने वाले हैं, जो वहां पर फेरी लगाने का काम करते थे। 

एक पीड़ित की रिपोर्ट से खुली पूरी चेन

डीसीपी मध्य आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पूरा मामला 6 अप्रैल 2025 को सामने आया जब लखनऊ के निवासी संतोष कुमार वर्मा ने थाना गौतमपल्ली में रिपोर्ट दर्ज कराई।उन्होंने बताया कि उनकी कार से दो अज्ञात व्यक्तियों ने बातों में उलझाकर उनका महंगा Samsung Z Fold 6 मोबाइल, पर्स (जिसमें 8000 नकद, क्रेडिट कार्ड, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस आदि दस्तावेज थे) चोरी कर लिया।पुलिस ने तत्काल धारा 318(1)/303(2) बीएनएस के तहत मुकदमा पंजीकृत किया और जांच शुरू की।

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पुलिस टीम ने 125 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले तब जाकर मिली सफलता 

पुलिस टीम ने 125 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले और इलेक्ट्रॉनिक व भौतिक साक्ष्य इकट्ठा कर क्षेत्र में निगरानी तेज कर दी। तभी 5 विक्रमादित्य मार्ग के पास एक संदिग्ध सफेद कार दिखाई दी।रात 3.30 बजे पुलिस ने दबोचा पुलिस ने कार को रोककर उसमें सवार चार संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने अपना नाम रवीन्द्र कुमार (बागपत),रिजवान (मेरठ),रिज्जू उर्फ रिजवान (मेरठ), अजीम (मेरठ) बताया। जब तलाशी ली गई तो कार से एक बैग में 23 स्मार्टफोन, नकदी और अन्य सामान मिला। सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

सिर्फ एक सवारी वाली गाड़ी को बनाते थे निशाना

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गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया कि वे भीड़भाड़ वाली जगहों, चौराहों और ट्रैफिक सिग्नल पर अकेले बैठे व्यक्ति को निशाना बनाते थे।वो गाड़ी का गेट खटखटाते, कभी गाड़ी से टक्कर होने का नाटक करते, और फिर बातों में उलझाकर सीट पर रखे कीमती मोबाइल या पर्स गायब कर देते थे।वारदात के तुरंत बाद वे लखनऊ से निकल जाते थे और चोरी का माल बेचकर अपने शौक पूरे करते थे।पुलिस ने जनता से अपील की है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में सतर्क रहें, गाड़ी के दरवाजे लॉक रखें और अनजान व्यक्ति से बातचीत करते समय सावधानी बरतें। साथ ही, अगर कोई इस तरह की गतिविधियों का गवाह बनता है तो तुरंत 112 पर सूचना दें।

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