लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने बुधवार को लखनऊ के मोहान रोड स्थित राजकीय संकेत विद्यालय में जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी दिनचर्या को सुगम करने के उद्देश्य से 686 विभिन्न सहायक उपकरणों का वितरण किया।
विकलांग शब्द को दिव्यागंजन से प्रतिस्थापित करना ऐतिहासिक
इसमें ट्राइ-साइकिल 124, व्हीलचेयर 20, बैसाखी 10 पेयर, श्रवण यंत्र 226, स्मार्टकेन 163, ब्रेलकिट 143 वितरित किए गए उपकरणों में ट्राईसाइकिल, बैशाखी, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, स्मार्टकेन/ब्रेलकिट, वाकिंग स्टिक शामिल रहे जो दिव्यांगजनों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रदान किए गए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'विकलांग' शब्द को 'दिव्यांगजन' से प्रतिस्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हर दिव्यांगजन में एक दिव्य शक्ति होती है, जिसे पहचानने और सम्मान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पिछले आठ वर्षों में सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। यह प्रगति न केवल राज्य के विकास को गति दे रही है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
संचालित योजनाओं के बजट में वृद्धि
मंत्री कश्यप ने योगी सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार ने दिव्यांगजनों के हितों को प्राथमिकता दी है। इसके लिए समय-समय पर संचालित योजनाओं के बजट में वृद्धि की गई है। इसका परिणाम यह हुआ है कि दिव्यांगजनों को शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार दिव्यांगजनों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनकी यात्रा को सुगम बनाने के लिए निशुल्क सहायक उपकरण और कृत्रिम अंग प्रदान किए जा रहे हैं।
दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए दो विश्विद्यालय संचालित
मंत्री कश्यप ने विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि दिव्यांग पेंशन के जरिए दिव्यांगजनों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। दिव्यांग शादी पुरस्कार योजना के तहत विवाह करने वाले दिव्यांगजनों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। दुकान निर्माण एवं संचालन योजना स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य दिव्यांगजनों की छिपी शक्तियों को उजागर करना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है। दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए प्रदेश में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय, दो प्रमुख विश्वविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इन संस्थानों में दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है, ताकि वे अपने भविष्य को बेहतर ढंग से संवार सकें।