चकबंदी अधिकारी समेत आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज Photograph: (Social Media)
राजधानी के वजीरगंज थाना क्षेत्र में अरबों की सरकारी जमीन पर हेरा फेरी करने का मामला प्रकाश में आने के बाद जिला प्रशासन ने गंभीरता पूर्वक से लेते हुए जांच बैठाई। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद चकबंदी अधिकारी समेत आठ लोगों के खिलाफ वजीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। बताया जा रहा है कि चकबंदी अधिकारी और तहसील कर्मियों की मिली भगत से यह फर्जीवाड़ा किया जा रहा था।
जिलाधिकारी से शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
बता दें कि सरोजनीनगर तहसील के कल्ली पश्चिम में करीब 66 बीघा सरकारी जमीन है। इस जमीन की कीमत करीब 200 करोड़ आकी जा रही है। इस जमीन को कुछ लोगों ने चकबंदी अधिकारी और तहसील कर्मियों की मिली भगत से हड़प लिया है। इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की गई। जिसमें आरोप लगाया गया कि कल्ली पश्चिम गांव में चकबंदी के दौरान बंजर और तालाब की जमीन पर गलत तरीके से प्राइवेट पार्टी सईदुन्निशा पुत्री अब्दुल हमीद, कमरून निशा पत्नी सलीम व नियाज पुत्र जब्बार निवासी ग्राम कल्ली पश्चिम के नाम पर दी गई है।
जांच में दो चकंबदी अधिकारी, दो कानूनगो, एक लेखपाल संलिप्त मिला
सरकारी जमीन पर कब्जा दिलवाने में चकबंदी लेखपाल हंसराज वर्मा, सहायक चकबंदी अधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव,चकबंदी कर्ता पारसनाथ, गया प्रसाद और तत्कालीन चकबंदी अधिकारी राजेंद्र शंकर सिंह की अहम भूमिका है। इनके द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार गांव सभा के तालाब और बंजर खाते की भूमि सईदुनिशा, कमरून निशा और निजायज के नाम दर्ज कर दी। इस मामले को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए एडीएम प्रशासन शुभी सिंह से जांच कराई तो इस फर्जीवाड़े में दो चकबंदी अधिकारी, दो कानूनगो, एक लेखपाल दोषी पाये गए।
इनके खिलाफ वजीरगंज थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट
जांच में मामला सही मिलने पर तत्कालीन चकबंदी लेखपाल हंसराज वर्मा, चकबंदीकर्ता पारसनाथ, चकबंदीकर्ता गया प्रसाद वर्मा, सहायक चकबंदी अधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन चकबंदी अधिकारी राजेंद्र शंकर सिंह, सईदुन्निशा , कमरून निशा और नियाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें तीन प्रॉपर्टी डीजर भी शामिल है। प्रभारी निरीक्षक दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि तहसील प्रशासन की तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।