Advertisment

Lucknow News : मित्र स्मृति अवधी सम्मान ने नवाजे गए साहित्यकार शितिकंठ, बोले- लेखकों ने अवधी गद्य-पद्य बनाया लोकव्यापी

अवधी-हिंदी के आलोचक, समीक्षक और कथाकार डा. उमाशंकर शुक्ल शितिकंठ को मित्र स्मृति अवधी सम्मान-2025 से नवाजा गया। लक्ष्मण प्रसाद मित्र सेवा संस्थान के तत्वावधान में रविवार को सम्मान समारोह का आयोजन प्रेस क्लब में हुआ।

author-image
Deepak Yadav
Umashankar Shukla Shitikanth

स्मृति अवधी सम्मान ने नवाजे गए शितिकंठ Photograph: (YBN)

रामबहादुर मिश्र ने कहा-मित्र की रचनाओं में समय और समाज का चित्रण 
लक्ष्मण प्रसाद मित्र की याद में हर साल दिया जाता है ये सम्मान

Advertisment

Lucknow News : अवधी-हिंदी के आलोचक, समीक्षक और कथाकार डा. उमाशंकर शुक्ल शितिकंठ को मित्र स्मृति अवधी सम्मान-2025 से नवाजा गया। लक्ष्मण प्रसाद मित्र सेवा संस्थान के तत्वावधान में रविवार को सम्मान समारोह का आयोजन प्रेस क्लब में हुआ। संस्थान की संरक्षिका मनोरमा साहू, अध्यक्ष अजय साहू, सचिव डा. राम बहादुर मिश्र, मुख्य अतिथि कथाकार डा. महेन्द्र भीष्म ने संयुक्त रूप से सम्मान स्वरूप डा. उमाशंकर शुक्ल 'शितिकंठ' को शाल, स्मृति चिह्न, ग्यारह हजार रुपए और सम्मान पत्र प्रदान किये। सीतापुर के छोटे से गांव में जन्मे अवधी के ख्यातिलब्ध कवि लक्ष्मण प्रसाद मित्र की स्मृति में यह सम्मान उनकी पुत्री मनोरमा साहू और दौहित्र अजय साहू की तरफ से प्रतिवर्ष किसी एक अवधी साहित्यकार को दिया जाता है।

लक्ष्मण प्रसाद का अवधी साहित्य प्रेरणा का स्रोत 
इस अवसर पर साहित्यकार डा. उमाशंकर शुक्ल 'शितिकंठ' ने कहा कि आज अवधी गद्य और पद्य दोनों दृष्टियों से समृद्ध है। लेखकों ने इसे लोकव्यापी बनाया है। लक्ष्मण प्रसाद मित्र का अवधी साहित्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रेरणा का स्रोत रहा है। लक्ष्मण प्रसाद मित्र सेवा संस्थान के सचिव डा. राम बहादुर मिश्र ने बताया कि अवधी के उन्नायकों में लक्ष्मण प्रसाद मित्र का प्रमुख स्थान है। चार खण्डों में प्रकाशित मित्र रचनावली इसका जीता जागता प्रमाण है। आजादी के पूर्व और बाद के समय समाज का चित्रण इनकी रचनाओं की प्रमुख विशेषता है।

चार खंड़ों में प्रकाशित रचनावली पर शोध की जरूरत 
समारोह अध्यक्ष अशोक बनर्जी ने कहा कि अवधी गद्य और पद्य दोनों में मित्र जी ने उत्कृष्ट साहित्य सर्जना की है। चार खंड़ों में प्रकाशित रचनावली पर शोध की जरूरत है। इनका साहित्य अवधी समाज का चित्रण और लोक संस्कृति की व्यापकता को प्रस्तुत करता है। लगातार अवधी के विस्तारण में लक्ष्मण प्रसाद मित्र सरीखे कवियों और लेखकों की साधना फलीभूत हो रही है। अवधी में नवीन प्रवृत्तियों का समाहार करने की शक्ति है, जो इसके उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। इस अवसर पर लक्ष्मण प्रसाद मित्र के परिजन सहित बड़ी संख्या में अवधी प्रेमी कवि, लेखक और साहित्यकार उपस्थित रहे।

Advertisment
Advertisment