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हज समिति का पुनर्गठन कर दिया है।
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार ने लंबे समय से ठप पड़ी राज्य हज समिति का पुनर्गठन कर दिया है। सरकार ने 13 सदस्यों की नई हज समिति का गठन किया है, जिसमें राजनीति, समाजसेवा, धर्म और विधि क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हैं। समिति के गठन की घोषणा उसी दिन हुई जब लखनऊ से हज यात्रियों की आखिरी फ्लाइट रवाना हुई, इसलिए इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सीएम के बगल की कुर्सी पर बैठने की इच्छा रखने वाले पूर्व मंत्री मोहसिन रजा को बाहर कर दिया गया है जबकि दानिश आजाद अंसारी को कमेटी का सदस्य बनाया गया है
हज समिति का गठन, 13 सदस्य शामिल
यह समिति हज समिति अधिनियम 2002 की धारा 18 और 19 के तहत बनाई गई है। इसके सदस्यों में दानिश आजाद अंसारी (विधान परिषद सदस्य), वली मोहम्मद (अध्यक्ष, नगर पंचायत गोपामऊ, हरदोई), नदीमुल हसन (अध्यक्ष, नगर पंचायत धौरा टांडा, बरेली), सैयद अली वारसी, हाफिज एजाज अहमद उर्फ शाहिन अंसारी और सैयद कल्बे हुसैन (शिया समाज से) शामिल हैं, जो धर्म और विधिक विशेषज्ञ हैं। इनके अलावा समाजसेवी मुहम्मद इफ्तेखार हुसैन, कामरान खान, जुनैद अहमद अंसारी, जावेद कमर खान और कमरुद्दीन (जुगनू) को भी नामित किया गया है। साथ ही उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और राज्य हज समिति के कार्यपालक अधिकारी पदेन सदस्य होंगे।
तीन साल का कार्यकाल
समिति का कार्यकाल अधिसूचना के गजट में प्रकाशन की तारीख से तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा। अब समिति के भीतर अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगला अध्यक्ष कौन बनेगा। संभावना है कि इसके लिए मतदान या आपसी सहमति से फैसला लिया जाएगा।