लखनऊ वाईबीएन संवाददाता।राजधानी के गोमतीनगर विस्तार में मदर्स डे के दिन दो बेटों ने अपनी 70 वर्षीय मां को सड़क किनारे बेसहारा छोड़ दिया। भूखी-प्यासी बुजुर्ग महिला को राहगीरों ने देखा, जिन्होंने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। महिला ने बेटों के नाम दिनेश और राजेश बताए, जिन्होंने उसे घर से निकाल दिया था। पुलिस ने बुजुर्ग की देखभाल शुरू कर दी है और बेटों की तलाश जारी है। घटना ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है।
बुजुर्ग महिला सड़क के किनारे अकेली बैठी मिली
जहां एक ओर पूरा देश "मदर्स डे" पर अपनी मां के त्याग, प्रेम और ममता को श्रद्धांजलि दे रहा था, वहीं राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला सड़क के किनारे अकेली बैठी मिली — भूखी, प्यास और टूटी हुई।यह वह दिन था जब मां को फूलों, उपहारों और भावनाओं से भरा होना चाहिए था, लेकिन इस मां की आंखें बस अपने बेटों को ढूंढ रही थीं — दिनेश और राजेश, जिनका नाम उसने कांपते हुए पुलिस को बताया।
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बेटों ने उसे "बोझ" मानकर बेसहारा छोड़ दिया
मां ने बताया कि कैसे उसके अपने ही बेटों ने उसे "बोझ" मानकर इस खास दिन पर बेसहारा छोड़ दिया।राह चलते कुछ संवेदनशील लोगों की नजर जब इस थकी-मांदी बुजुर्ग पर पड़ी, तो उन्होंने रुककर उसकी हालत पूछी। मां की आंखों में आंसू और चेहरे पर गहरी खामोशी थी, लेकिन उसकी खामोशी ही उसके टूटे रिश्ते की पूरी दास्तां सुना गई।"बेटों ने कह दिया – अब घर में तुम्हारे लिए जगह नहीं है", यह कहते हुए मां की आंखें एकटक शून्य में ताकने लगीं।
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पुलिस ने बुजुर्ग महिला को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
स्थानीय लोगों ने तुरंत 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बुजुर्ग महिला को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। लेकिन इस घटना ने हर उस इंसान को अंदर तक झकझोर दिया जिसने यह दृश्य देखा।इस ‘मदर्स डे’ पर जहां बच्चे मां को फोन करके हाल पूछ रहे थे, वहीं लखनऊ की एक मां अपने बेटों का इंतजार करती रही ।