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निरीक्षण करते लखनऊ नगर आयुक्त गौरव कुमार Photograph: (YBN)
नगर निगम लखनऊ द्वारा पर्यावरण संरक्षण, पशु कल्याण और स्वच्छता को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को नगर आयुक्त गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविन्द कुमार राव, पर्यावरण अभियंता, पशु कल्याण एवं चिकित्सा अधिकारी के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में नगर निगम सीमा क्षेत्रान्तर्गत सूटिंग रेंज के समीप स्थित वृहद गौशाला एवं एवर एन्वायरों रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड संस्था द्वारा स्थापित किए जा रहे 300 टी.पी.डी. क्षमता के बायो-सीएनजी प्लांट का संयुक्त निरीक्षण किया गया।
नगर आयुक्त ने अधिकारियों को दिए निर्देश
निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने संबंधित अधिशासी अभियंता को वृहद गौशाला के विस्तार का कार्य तत्परता से प्रारंभ करने और उसे एक उच्च स्तरीय मॉडल गौशाला के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशों के अनुरूप नगर सीमा क्षेत्र में वृद्ध, बीमार और असहाय गौवंश के लिए समुचित देखरेख, संरक्षण और रहन-सहन की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिससे गौवंश कल्याण को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
प्रतिदिन 10 मीट्रिक टन गैस का होगा उत्पादन
इसी के साथ नगर आयुक्त ने एवर एन्वायरों संस्था द्वारा स्थापित किए जा रहे 300 टीपीडी क्षमता के सीएनजी प्लांट के अधिष्ठापन कार्य को शीघ्रता से पूर्ण कराने के निर्देश भी दिए। इस प्लांट की स्थापना के बाद नगर क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले गीले कूड़े का वैज्ञानिक निस्तारण संभव हो सकेगा। साथ ही इस प्लांट से प्रतिदिन लगभग 10 मीट्रिक टन बायो-सीएनजी गैस का उत्पादन किया जाएगा, जिसका उपयोग हरित जैव उर्जा के रूप में किया जाएगा।
कार्बन फुटप्रिंट में गिरावट हो सकती है दर्ज
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि इस तरह की परियोजनाएं पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी होती हैं। इससे न केवल ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट में भी गिरावट दर्ज की जा सकेगी। यह पहल शहर को स्वच्छ, हरित और सतत विकास की दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश
इसके अतिरिक्त इस प्लांट की स्थापना से शिवरी स्थित प्रोसेसिंग प्लांट पर गीले कूड़े के निस्तारण में लगने वाले खर्च में भी कमी आएगी। नगर आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन दोनों परियोजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग करें और निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करें, ताकि शहरवासियों को इन प्रयासों का शीघ्र लाभ मिल सके।