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Nagar Nigan ने मुक्त कराई 20 करोड़ की सरकारी जमीन, अवैध रूप से चल रहा था गोदाम-मोटर गैराज

नगर निगम ने बताया कि इस अवैध कब्जे और सरकारी भूमि को नुकसान पहुंचाने के लिए चिनहट थाने में जल्द ही आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इस अभियान में प्रभारी अधिकारी (संपत्ति) संजय यादव और तहसीलदार अरविंद पांडे की ओर से गठित टीम ने हिस्सा लिया।

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Abhishek Mishra
Lucknow Municipal Corporation

नगर निगम ने मुक्त कराई 20 करोड़ की सरकारी जमीन

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। नगर निगम के संपत्ति विभाग की ओर से कार्रवाई करते हुए सरकारी जमीन से कब्जे हटाने की कार्रवाई की गई। ग्राम बाघामऊ, नौबस्ता कलां व बिजनौर की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। इन जमीनों की कीमत 20 करोड़ रुपये बतायी जा रही है। ग्राम नौबस्ता कलां की जमीन देवा रोड के पास है, जो वाणिज्यिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यहां लंबे समय से कुछ प्रॉपर्टी डीलरों और बिल्डरों की ओर से सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया था। 

इन इलाकों में चला अतिक्रमण हटाओ अभियान

बाघामऊ में गाटा संख्या 178, क्षेत्रफल 0.094 हेक्टेयर तथा ग्राम नौबस्ता कलां में 0.455 हे., 0.051 हे., 1.25680 हे., 2.47680 हे. की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया। कुल मिलाकर लगभग 1.5 हेक्टेयर सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया, जिसकी बाजारी कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है। जांच में यह भी सामने आया कि कारोबारी राकेश कुमार, जो कोका-कोला कंपनी के डीलर हैं, ने इस जमीन पर गोदाम बनाया था। वहीं, प्रॉपर्टी डीलर देवा प्रसाद सिंह और उनके पुत्र उर्मिल सिंह की ओर से गाटा संख्या 641 व 599 पर अवैध प्लॉटिंग की गई थी और उस पर एक मोटर गैराज भी चलाया जा रहा था। 

सरकारी भूमि से हटाया गया कब्जा

नगर निगम ने बताया कि इस अवैध कब्जे और सरकारी भूमि को नुकसान पहुंचाने के लिए चिनहट थाने में जल्द ही आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इस अभियान में प्रभारी अधिकारी (संपत्ति) संजय यादव और तहसीलदार अरविंद पांडे की ओर से गठित टीम ने हिस्सा लिया। टीम का नेतृत्व नायब तहसीलदार नीरज कटियार ने किया। कार्रवाई के दौरान जेसीबी मशीन से अस्थायी निर्माण हटाए गए। अराजक तत्वों की ओर से विरोध करने का प्रयास किया गया। लेकिन पुलिस और प्रशासन की सूझबूझ से कार्रवाई शांतिपूर्वक पूरी की गई। 

कारोबारी व प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ जांच

इसके अलावा ग्राम बिजनौर स्थित 0.2530 हेक्टेयर और 0.052 हेक्टेयर की भूमि, जो राजस्व अभिलेखों में ऊसर और तालाब के रूप में दर्ज है और नगर निगम की संपत्ति है, पर स्थानीय प्रॉपर्टी डीलरों व कुछ व्यक्तियों की ओर से अवैध प्लाटिंग, पिलर निर्माण, नींव भराई और सीमेन्टेड बाउंड्रीवाल खड़ी कर अतिक्रमण करने का प्रयास किया जा रहा था। जेसीबी मशीन की सहायता से अवैध निर्माण को ध्वस्त किया और भूमि को कब्जे से मुक्त कराया।  

विरोध के बावजूद शांतिपूर्वक हुई कार्रवाई

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गाटा संख्या 1256मि0 व 1351मि0 पर पहले से ही तहसील द्वारा बेदखली का आदेश जारी किया गया था। लेकिन जब टीम मौके पर पहुंची तो अवैध कब्जाधारियों ने विरोध किया। स्थिति को संभालते हुए प्रशासन ने कार्रवाई को आगामी तिथि के लिए स्थगित कर दिया और शांति व्यवस्था बनाए रखी। इस अभियान के अंतर्गत कुल 0.305 हेक्टेयर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, इस भूमि की वर्तमान बाजार कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये आंकी गई है। नगर निगम प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे सरकारी जमीन पर कोई भी निर्माण कार्य न करें अन्यथा कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

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