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लखनऊ नगर निगम
लखनऊ नगर निगम ने शहरवासियों को हाउस टैक्स भुगतान में राहत देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। अब जो भी प्रॉपर्टी मालिक 30 अप्रैल 2025 तक ऑनलाइन माध्यम से अपना हाउस टैक्स जमा करेंगे, उन्हें कुल देय टैक्स पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। पहले यह छूट केवल 8 अप्रैल तक ही सीमित थी, लेकिन नागरिकों के बढ़ते सहयोग और टैक्स भुगतान में रुचि को देखते हुए नगर निगम ने इसे आगे बढ़ा दिया है।
नगर आयुक्त ने की ऑनलाइन बैठक
इस संबंध में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने नगर निगम के अपर नगर आयुक्तों, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, सभी जोनल अधिकारियों, टैक्स विभाग के अधीक्षक और इंस्पेक्टरों के साथ एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। बैठक में टैक्स वसूली की प्रगति, नागरिकों की भागीदारी और टैक्स अभियान को और प्रभावशाली बनाने की रणनीतियों पर चर्चा की गई।
छूट की समय-सीमा को बढ़ाने का निर्णय
नगर आयुक्त ने कहा कि नागरिकों की भागीदारी के बिना किसी भी योजना को सफलता नहीं मिल सकती। पिछले वित्तीय वर्ष में जिस प्रकार से शहरवासियों ने टैक्स भुगतान में सहयोग किया, वह सराहनीय है। इसी को देखते हुए ऑनलाइन भुगतान करने वालों के लिए छूट की समय-सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
ऑनलाइन भुगतान को दें प्राथमिकता
इंद्रजीत सिंह ने सभी भवन मालिकों से अपील की कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं और घर बैठे ऑनलाइन टैक्स का भुगतान करें। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि दफ्तरों में लगने वाली भीड़ और गर्मी की परेशानी से भी बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन भुगतान करना अब पहले से कहीं आसान है। नगर निगम की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के ज़रिए कुछ ही क्लिक में टैक्स भरा जा सकता है। इसके लिए अलग से हेल्पलाइन नंबर और गाइडेंस की व्यवस्था भी की गई है।
कैश पेमेंट करने वालों के लिए भी राहत
ऐसे नागरिक जो ऑनलाइन भुगतान नहीं कर सकते, उनके लिए भी राहत दी गई है। सभी जोनल कार्यालयों में स्थित कैश काउंटरों पर टैक्स भुगतान करने वालों को 8 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। इससे खासतौर पर वृद्धजन, तकनीकी जानकारी से दूर नागरिकों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी राहत मिलेगी।
गर्मी को देखते हुए फील्ड विजिट के निर्देश
गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए नगर आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि सभी कैश काउंटरों पर शुद्ध पेयजल और ठंडक की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा बैठने की उचित सुविधा और छांव की भी व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही, सभी टैक्स इंस्पेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे फील्ड में नियमित रूप से विजिट करें, नागरिकों से संवाद करें और अधिक से अधिक लोगों को टैक्स भुगतान के लिए प्रेरित करें। जहां आवश्यक हो, वहां जागरूकता शिविर भी लगाए जाएं।