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अवध में बही लोक परम्परा की बयार Photograph: (Social Media)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में सोमवार को लोकगीतों और लोक नृत्य की बयार बही। कार्यक्रम ने सबसे पहले रिंकी सिंह और किरन के देवी गीत (तोहरी शरण हम अवनि हे जगदम्बे मझ्या) से माहौल भक्तिमय कर दिया। इसके बाद सोहर गीत, मेला गीत...'बैल गाड़ी मा हमका बिठाय के पिया मेलवा घुमाय दा', बियाह गीत, चैती, खेमटा, नकट, चौमासा, मोरे राजा छतरिया छवावो की रस के बूंद पड़ी पर... ग्रामीण अंचल की झलक नृत्य के माध्यम से दिखाई दी।
सामूहिक नृत्य ने मोहा मन
किसानी गीत, खेत मा झूमे गहुंवा के डाली जइसे लागे, सोनवा के बाली, सासू पनिया कैसे जाऊं रसीने दोऊ नैना पर सामूहिक नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं कजरी कइसे खेलन जइबू सावन में कजरिया, बदरिया घिर आई ननदी गीतों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मोहित कपूर के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम में नृत्यांगना योगिता, श्रीयांशी, कंचन, अंजू, मानसी, अश्वनी, नर्तक शैलेन्द्र शर्मा ने प्रस्तुति दी।
विनीता और नीलम पाण्डेय का भावपूर्ण गायन
ढोलक पर प्रियंका सिंह की-बोर्ड प्लेयर महेश पाल, हारमोरियम पर अनादि खरे, साइड रिदम शैलेन्द्र सिंह अनिल ने संगत दी। इसके अलावा सह गायिका विनीता और नीलम पाण्डेय ने मनमोहक और हृदय स्पर्शी चित्रण प्रस्तुत किया। दीपांजलि संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा जिला महासचिव रामलाल वर्मा ने किया। दौरान विशिष्ट अतिथि मोहनलालगंज के ब्लाक प्रमुख ओम प्रकाश शुक्ला विनीता तिवारी, चक्रवीर सिंह उपस्थित रहे।