लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। नगर निगम में नीतिगत निर्णय लेने वाली 12 सदस्यीय नगर निगम कार्यकारिणी के आधे सदस्य एक जून को रिटायर हो जाएंगे। इनका दो साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें कार्यकारिणी उपाध्यक्ष भी शामिल हैं। अब रिटायर होने वाले सदस्यों की जगह नए सदस्यों का चुनाव होने के बाद कार्यकारिणाी उपाध्यक्ष का भी चुनाव होगा। नए सदस्य चुने जाने तक कार्यकारिणी अधूरी रहेगी।
नए सदस्यों का किया जाएगा चुनाव
नगर निगम का चुनाव होने के बाद 22 जून 2023 को पहली बार 12 सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन चुनाव के जरिए किया गया था। नगर निगम अधिनियम के तहत कार्यकारिणी सदस्य का कार्यकाल दो साल का होता है लेकिन चुनाव के बाद पहली बार जब कार्यकारिणी गठित होती है तो उसके छह सदस्यों को एक साल बाद लाटरी डालकर रिटायर किया जाता है। ऐसे में पहली बार बनी कार्यकारिणी के छह सदस्योंं को बीते साल लाटरी डालकर रिटायर किया जा चुका है। उनके रिटायर होने के बाद जो छह सदस्य बचे थे उनका दो साल का कार्यकाल इस महीने पूरा हो जाएगा और एक जून को वह रिटायर हो जाएंगे। जो सदस्य रिटायर होंगे उनकी जगह पर नए सदस्यों का चुनाव किया जाएगा। उसको लेकर नगर निगम सदन की बैठक बुलाई जाएगी।
यह सदस्य होंगे रिटायर
रिटायर होने वाले छह सदस्यों में भाजपा के गिरीश गुप्ता (कार्यकारिणी उपाध्यक्ष), अनूप कमल सक्सेना, उमेश चंद्र सनवाल, मुकेश सिंह मोंटी, रंजीत सिंह व सपा के सुरेंद्र बाल्मीकि शामिल हैं। कार्यकारिणी उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता भी रिटायर हो रहे हैं। इस बार भी उपाध्यक्ष भाजपा का ही चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि अभी 12 सदस्यीय कार्यकारिणी में भाजपा के10 और सपा के दो सदस्य हैं। एक जून के बाद जो स्थिति बनेगी वह भी इसी तरह रहेगी क्योंकि 110 निर्वाचित पार्षदों में भाजपा के 80 पार्षद हैं।
कार्यकारिणी में ये रहेंगे सदस्य
नगर निगम की 12 सदस्यीय कार्यकारिणी के छह सदस्यों के रिटायर होने के बाद जो छह सदस्य बचेंगे उनमें भाजपा के अनुराग मिश्रा अन्नू, भृगुनाथ शुक्ला, चरनजीत गांधी, गौरी सावंरिया, कृष्ण नारायण सिंह और सपा की सबा अहसन मंसूरी शामिल हैं।