लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
एक से 19 साल तक की आयु के बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाने के लिए सोमवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) आयोजित हुआ । एनडीडी का उद्घाटन परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. सुषमा सिंह ने घसियारी मंडी स्थित बाबा ठाकुरदास इंटर कॉलेज में बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा एलबेंडाजोल खिलाकर किया । इस मौके पर विद्यालय के कुल 375 बच्चों ने एलबेंडाजोल का सेवन किया ।
पेट में कीड़ों से एनीमिया होने का खतरा
इस दौरान महानिदेशक डॉक्टर सुषमा सिंह ने कहा कि बच्चे यदि स्वस्थ रहेंगे तो आगे चलकर उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कम करना पड़ेगा। पेट में कीड़ों का सम्बन्ध सीधे कुपोषण से होता है। यदि पेट में कीड़े हैं तो एनीमिया जैसी समस्या आम है । बचपन में उचित प्रबंधन के अभाव में आगे चलकर दिक्कतें होती हैं । इसी बात को ध्यान में रखते यह दवा खिलाई जाती है।
जानिए कैसे शरीर के भीतर पहुंचते है कृमि
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. एन.बी. सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत आयोजित होता है। जनपद में सात ग्रामीण ब्लाक और शहरी क्षेत्र में एनडीडी के माध्यम से बच्चों को एल्बेंडाजोल खिलाई गयी जबकि ग्रामीण ब्लाक गोसाईंगंज में यह दवा आईडीए अभियान के तहत खिलाई जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पेट में कीड़े होने का मुख्य कारण साफ़-सफाई का अभाव और बच्चों का नंगे पैर घूमना है। उन्होंने कहा कि बिना धुले सब्जियों और फलों के सेवन से कृमि हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं। यह कृमि इतने छोटे होते हैं कि नंगे पैर घूमने से यह तलवों की त्वचा से हमारे शरीर की आंतों में पहुंच जाते हैं और भोजन के पोषक तत्वों को खा लेते हैं जिससे शरीर कुपोषित हो जाता है और कुपोषण के कारण अन्य बीमारियों के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है ।
14 फरवरी को छूट गए बच्चों को दी जाएगी दवा
एनडीडी के नोडल डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि सरकारी, गैर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों, किशोर और किशोरियों को दवा खिलाई गयी और जो बच्चे विद्यालय नहीं जाते हैं उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दवा खिलाई गई । उन्होंने बताया कि जो बच्चे किन्हीं कारणों से 10 फरवरी को दवा खाने से वंचित रह गए हैं उन्हें 14 फरवरी को मॉप अप राउंड का आयोजन कर दवा खिलाई जाएगी। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा डॉ. अमिताभ श्रीवास्तव, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, सी एच सी अधीक्षक डॉ. वाई.के. सिंह, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबन्धक विष्णु प्रताप, डीईआई सी मैनेजर डॉ. गौरव सक्सेना, कॉलेज के प्रधानाचार्य वीरेन्द्र प्रसाद लेखेवर, शिक्षक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।