लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) के चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद देशभर में कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जबरदस्त प्रदर्शन किया। दोपहर करीब 3 बजे बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय से ईडी कार्यालय तक पैदल मार्च निकालने के लिए रवाना हुए। कार्यकर्ताओं के हाथों में झंडे थे और वे तानाशाही नहीं चलेगी, ED का दुरुपयोग बंद करो, जैसे नारों के साथ प्रदर्शन कर रहे थे।
हिरासत में लिए गए कांग्रेस कार्यकर्ता
पुलिस प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड पर था। ईडी दफ्तर के बाहर कड़ी बैरिकेडिंग कर दी गई थी ताकि कोई भी प्रदर्शनकारी दफ्तर के भीतर न घुस सके। लेकिन उग्र कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस की गाड़ियों पर चढ़ गए और वहीं बैठकर धरना देने लगे। इससे मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया। स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस ने कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। उन्हें पुलिस वैन में भरकर लखनऊ के ईको गार्डन स्थित धरना स्थल भेजा गया है।
जनता को नहीं बताई चार्जशीट के पीछे की सच्चाई
राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मौजूदा हालात कलयुग जैसे हैं, जहां सच्चाई छुपाई जा रही है और झूठ को हथियार बनाकर विपक्ष को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के पीछे की सच्चाई जनता को नहीं बताई जा रही है। यह वैसा ही है जैसे "उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे"।
बीजेपी का नहीं था कोई नामोनिशान
प्रमोद तिवारी ने कहा कि 1942 में जब कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया तब बीजेपी का कोई नामोनिशान तक नहीं था। इसके विपरीत उस समय की एक विचारधारा से जुड़ी संस्था ने अंग्रेजों को पत्र लिखकर युवाओं को ब्रिटिश सेना में भर्ती होने की अपील की थी ताकि देश की आजादी में बाधा आए। उन्होंने ने बताया कि पंडित नेहरू, रफी अहमद किदवई और पुरुषोत्तम दास टंडन जैसे नेताओं ने नेशनल हेराल्ड अखबार की नींव रखी थी। इसका उद्देश्य था अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता की आवाज को जगह देना, क्योंकि उस दौर के कई अखबार ब्रिटिश दमन के चलते सच्चाई छापने से डरते थे। स्वतंत्रता के बाद यह अखबार आर्थिक संकट में फंस गया और उस पर भारी कर्ज हो गया। कांग्रेस पार्टी ने इसके प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को चेक और बैंक ट्रांजेक्शन के ज़रिए 90 करोड़ रुपये का लोन दिया। अब बीजेपी इस पूरे मामले को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है।
यंग इंडिया पर झूठे आरोप
प्रमोद तिवारी ने जोर देकर कहा कि यंग इंडिया ने एजेएल को टेकओवर नहीं किया है, जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है। यंग इंडिया एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत रजिस्टर्ड है। ऐसे किसी संगठन में न तो निदेशक वेतन ले सकते हैं और न ही लाभांश। बीजेपी का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। प्रमोद तिवारी ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके पास कोई लेन-देन या बैंक ट्रांजेक्शन का प्रमाण है तो वो जनता के सामने लाएं, वरना माफी मांगें। उन्होंने कहा कि यह सब गांधी परिवार को निशाना बनाने और उनकी छवि को धूमिल करने की साजिश है।
कांग्रेस नेताओं को बेवजह बनाया जा रहा निशाना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष को दबाने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है, यह पूरी तरह से बदले की राजनीति है। उन्होंने ने कहा कि राहुल गांधी संसद से लेकर सड़क तक इस तानाशाही रवैये के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और जनता के बीच जाकर सरकार की असलियत उजागर कर रहे हैं। गुजरात में राहुल गांधी की सक्रियता ने भाजपा की नींद उड़ा दी है। उन्होंने कहा कि जिस गुजरात मॉडल के नाम पर नरेंद्र मोदी सत्ता में आए, आज उसी मॉडल की सच्चाई सामने आ चुकी है और जनता इसका मूल्यांकन कर रही है। अजय राय ने दो टूक कहा कि केंद्र सरकार चाहे जितना दमन करे, कांग्रेस का हर कार्यकर्ता लोकतंत्र की रक्षा के लिए पूरी ताकत से मैदान में उतरेगा और संघर्ष करता रहेगा।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस
नेशनल हेराल्ड केस एक बहुचर्चित आर्थिक अनियमितता का मामला है जिसमें आरोप है कि यंग इंडियन नाम की कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों को अवैध रूप से अपने कब्जे में लिया। जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी निदेशक हैं। यह संपत्तियां देशभर के प्रमुख शहरों में स्थित हैं और इनकी कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये आंकी जाती है।