लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सेना की ताकत और बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश में नए मिलिट्री स्कूल खोलने पर जोर दिया है। उनका मानना है कि मिलिट्री स्कूलों से निकलने वाले युवा राष्ट्र की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। मौजूदा समय में देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बनीं राष्टविरोध ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए युवाओं को सैन्य शिक्षा देना जरूरी है। इसके लिए प्रदेश में मिलिट्री स्कूलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
जहां वीरता है परंपरा, वहीं जन्म लेते हैं रक्षक
अखिलेश यादव ने बुधवार को इंटरनेट मीडिया पर एक समाचार पत्र की खबर साझा की। जिसमें ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय नौसेना के महानिदेशक एएन प्रमोद ने धौलपुर के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल से शिक्षा प्राप्त करने का जिक्र है। बता दें कि अखिलेश यादव भी इसी मिलिट्री स्कूल के छात्र रहे हैं।पूर्व सीएम ने देश की तीनों सेनाओं में धौलपुर मिलिट्री स्कूल के योगदान का जिक्र करते हुए लिखा कि 'जहां चलती आई है ‘महान परम्परा वीरता’ की, वहां पर हमको सीख मिली शूरता-शीलता की।' हम सबमें, अपने आदर्श वाक्य ‘शीलम् परम भूषणम्’ से देशभक्ति, अनुशासन और पराक्रम के शील-चरित्र का बीज बोने वाले राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल धौलपुर का, देश की प्रतिरक्षा-सुरक्षा में जो योगदान रहा है, उसकी परंपरा देश की आजादी से लेकर आज तक निरंतर है।
यूपी तैयार हो रक्षकों की नई पीढ़ी
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि उप्र में सच्चे देश प्रेमियों की जो अनंत गौरवशाली परंपरा स्वतंत्रता सेनानियों से लेकर आज तक रही है। उसके आधार पर हमारी ये मांग है कि उप्र में लखनऊ, सहारनपुर, कन्नौज, इटावा, वाराणसी, संत कबीर नगर में नये मिलिट्री स्कूल खोले जाएं। जिससे हमारे देश की अखंडता और एकता को चुनौती देने वाली ताक़तों को सही में निर्णायक जवाब दिया जा सके। आशा है वर्तमान संवेदनशील सामरिक परिस्थितियों को देखते हुए सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी और देश हित को देखते हुए, उप्र में इन मिलिट्री स्कूलों की स्थापना की तत्काल घोषणा करेगी।
धौलपुर मिलिट्री स्कूल के छात्र रहे हैं अखिलेश यादव
अखिलेश यादव की स्कूलिंग राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल से हुई है। उन्होंने वर्ष 1983 में 13 जुलाई को छठी कक्षा में मिलिट्री स्कूल में दाखिला लिया था। करीब 10 साल के अखिलेश को उस समय कैडेट और स्कॉलर नम्बर 1108 मिला था। अखिलेश धौलपुर मिलिट्री स्कूल में वर्ष 1990 में 12वीं कक्षा तक पढ़े। इसके बाद वे मैसूर चले गए। जहां से उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक किया। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए और उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी से इनवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया।