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लखनऊ में हुई एक घंटे की बारिश ने खोली Nagar Nigam की पोल, लोग बोले-स्वच्छता अभियान केवल दिखावा

कल ही नगर निगम ने 110 वार्डों में स्वच्छता अभियान चलाने का दावा किया था, लेकिन आज की स्थिति ने अभियान की हकीकत सामने ला दी। स्थानीय दुकानदारों और नागरिकों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

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Abhishek Mishra
Bhoothnath temple

भूतनाथ मंदिर के सामने जल भराव

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ में शनिवार को महज एक घंटे की बारिश ने लखनऊ नगर निगम के स्वच्छता अभियान के दावों की सच्चाई उजागर कर दी। शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई, नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहता दिखाई दिया। भूतनाथ मंदिर के सामने हालात इतनी बदतर हो गई कि श्रद्धालुओं और राहगीरों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया।

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भूतनाथ मंदिर के सामने जलभराव

सावन मास की शुरुआत के साथ भूतनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में मंदिर परिसर और आसपास की गंदगी व जलभराव ने नगर निगम की तैयारियों की कलई खोल दी है। श्रद्धालुओं को न केवल जलभराव से जूझना पड़ा, बल्कि दुर्गंध और फिसलन भरी सड़कों के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Bhoothnath temple
भूतनाथ मंदिर के पास जल भराव
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स्वच्छता अभियान केवल दिखावे तक सीमित

चौंकाने वाली बात यह है कि शुक्रवार को ही नगर निगम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में लखनऊ के 110 वार्डों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने का दावा किया था। लेकिन शनिवार की बारिश में जगह-जगह नालियों से कूड़ा उफनता नजर आया, जिससे यह साफ हो गया कि अभियान केवल दिखावे तक ही सीमित रहा।

नालियों में भरा रहता है कचरा 

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मंदिर क्षेत्र के आसपास के दुकानदारों और स्थानीय निवासियों ने नगर निगम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सफाई के दावे सिर्फ कागजों पर किए जाते हैं। नालियों की नियमित सफाई नहीं होती, जिससे हल्की बारिश में ही जल निकासी अवरुद्ध हो जाती है। उन्होंने बताया कि कई बार शिकायतों के बावजूद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।

व्यापार हो रहा प्रभावित 

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि गंदगी और जलभराव की वजह से ग्राहकों की आवाजाही प्रभावित होती है। बदबू और कीचड़ के कारण लोग दुकान के पास रुकना भी नहीं चाहते। इससे व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम से मांग की है कि वह वास्तविक सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करे और बरसात से पहले प्रभावी जल निकासी की व्यवस्था की जाए। अन्यथा यह स्थिति न केवल शहर की छवि खराब करती है, बल्कि जनस्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन सकती है।

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