लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद पर्यटकों के एकाएक घर वापस लौटने की कवायद शुरू हो गई। इस बीच श्रीनगर से हवाई किराये में कथित बढ़ोत्तरी की समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने निंदा की है। इससे पहले उन्होंने आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार की ‘अग्निवीर योजना’ और सुरक्षा बलों की हालत पर भी सवाल खड़े किए थे।
सरकार की मिलीभगत से बेतहाशा किराया वसूली
सपा प्रमुख ने बृहस्पतिवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर लिखा कि श्रीनगर से हवाई किराये में बेतहाशा वृद्धि का समाचार अमानवीय और घोर निंदनीय है। ऐसी त्रासदी के समय पर्यटकों से मनमाना किराया वसूलना किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है। सरकार स्पष्ट करे कि ‘बेतहाशा किराया वसूली’ के मामले में सरकार की कोई जिम्मेदारी बनती है या नहीं। किराये से संबद्ध टैक्स तो सरकार के पास ही जाता है, इसका मतलब तो जनता यही समझती है कि ये सब सरकार की मिलीभगत से हो रहा है।
आपदा में अवसर ढूंढ रही भाजपा
इससे पहले उन्होंने लिखा कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की दर्दनाक घटना पर बचकाना विज्ञापन जारी कर दिखा दिया कि उसे पीड़ितों के दुख की कोई परवाह नहीं। सत्ता की भूखी भाजपा हर आपदा में अवसर ढूंढती है। इतने लोगों की मौत के बाद अगर केंद्र सरकार सतर्क होती और पहले की घटनाओं से सबक लिया होता, तो शायद ये हमला रोका जा सकता था। इस संवेदनहीनता की निंदा होनी चाहिए। भाजपाइयों से अपील है कि इस दुःख की घड़ी में दिखावे और जुमलों से बचें और शोकाकुल परिवारों की पीड़ा को समझें।
भाजपा नेताओं की सुरक्षा चाक-चौबंद, आम नागरिक असुरक्षित
जम्मू-कश्मीर के एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर हमला न केवल सुरक्षा में भारी चूक को उजागर करता है, बल्कि भाजपा सरकार की रणनीतिक नाकामी का भी प्रमाण है। जब सरकार पर्यटकों को कश्मीर आने के लिए प्रेरित कर रही थी, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी उतना ही ज़रूरी था। दुर्भाग्य से भाजपा नेताओं की सुरक्षा तो चाक-चौबंद रहती है, लेकिन आम नागरिक असुरक्षित हैं। अगर सरकार सुरक्षा बलों की कमी का बहाना देती है, तो इसकी जिम्मेदारी भी उसी की है।
अग्निवीर योजना पर सवाल खड़े किए सवाल
दोयम दर्जे के सुरक्षा उपकरण, अस्त्र-शस्त्र और युद्ध वाहन खरीदकर और 'अग्निवीर' जैसी योजनाएं लाकर भाजपा देश की सुरक्षा से जो समझौता कर रही है, वो क्षम्य नहीं है। अब चाहे कोई भी दावा किया जाए, जो लोग मारे गए, उन्हें कोई वापस नहीं ला सकता। माफी मांगने पर भी भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों को न तो हमारे भारत देश का इतिहास माफ करेगा, न भविष्य। इस दुख की घड़ी में हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।