लखनऊ, वाईबीएन नेटवर्क।
राजधानी लखनऊ में सफाई व्यवस्था निजी कंपनी को दिए जाने पर पार्षदों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। चेन्नई बेस्ड कंपनी रामकी को ठेका देने के विरोध में पार्षदों ने मंगलवार को नगर निगम मुख्यालय में जमकर हंगामा किया। नाराज पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी रामकी के लिए एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। विरोध तेज होने पर महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह मुख्यालय से चले गए। प्रदर्शन में सपा और कांग्रेस के साथ भाजपा के पार्षद भी शामिल रहे।
कंपनी को मनमाने तरीके से टेंडर देने का आरोप
महापौर सुषमा खर्कवाल ने निगम निगम मुख्यालय में बैठक बुलाई थी। इसमें करीब 85 पार्षद और अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान पार्षदों ने सफाई का काम रामकी कंपनी से वापस लेने की मांग की। साथ ही रोड लेंथ और सर्वे प्रक्रिया पर सवाल उठाया। पार्षदों का दावा है कि महापौर ने रोड लेंथ का सर्वे कराने का आश्वासन दिया था। इस दौरान पार्षदों की बात नहीं सुनने पर हंगामा शुरू हो गया। सभी ने रामकी कंपनी को मनमाने तरीके से टेंडर देने का आरोप लगाया। पार्षदों ने कहा कि कंपनी के साथ हुए एग्रीमेंट में केवल गलियों के बाहर मुख्य सड़कों की सफाई की बात कही गई है। मौजूदा व्यवस्था में कार्यदायी संस्था मुख्य सड़क के साथ-साथ गलियों की भी सफाई कर रही है।
महापौर बोलीं-रामकी को दिया जाएगा सफाई का काम
महापौर ने कहा कि उसी बजट में सफाई की व्यवस्था की जाएगी। रामकी कंपनी इसके लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि हमारा बजट पिछले बजट से कम हैं। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन अच्छा हो रहा है। हर कॉलोनी में बांग्लादेशी नागरिकों से काम कराया जाता था, लेकिन अब जब यह कंपनी काम कर रही है तो बांग्लादेशियों को बाहर करिए। रामकी को सफाई का काम सौंपा जाएगा। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि सदन में इस पर निर्णय लिया जाएगा। तब तक पुराने तरीके से सफाई व्यवस्था जारी रहेगी।