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सिद्धार्थनगर के निलम्बित पीसीएफ जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी सहकारी सेवा से किए गए बर्खास्त

सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए धान खरीद में घपला करने वाले ज़िला प्रबंधक सिद्धार्थनगर अमित चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

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Mohd. Arslan
PCF: जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी

PCF: जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी Photograph: (YBN )

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड बस्ती मण्डल में वर्ष 2023-24 में धान खरीद और सीएमआर की डिलीवरी में पायी गयी अनियमित्ताओं की जाँच सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर के निर्देश पर करायी गयी। प्रकरण में लगभग 11.09 करोड़ रूपये की वित्तीय अनियमित्ता प्रथम दृष्टया सामने आयी थी। जाँच में जनपद सिद्धार्थनगर, बस्ती एवं संतकबीरनगर के दोषी पाये गये।

प्रकरण में 10 एफआईआर है दर्ज

पीसीएफ के अधिकारियों और कर्मचारियों सहित इस कार्य में संलिप्त एवं दुरभि संधि स्थापित कर की गयी अनियमित्ता व वित्तीय क्षति के लिए विभिन्न थानों में कुल 10 एफआईआर कराये गये, जिसके तहत दोषी अधिकारियों और क्रय केन्द्र प्रभारियों में से 6 अभियुक्तों की गिरफ्तारियां हो गयीं हैं। सहकारिता मंत्री द्वारा बताया गया कि जिला प्रबंधक पीसीएफ सहित अन्य लोगों को निलम्बित कर प्रारम्भ की गयी विभागीय कार्यवाही में जिला प्रबंधक पीसीएफ अमित कुमार चौधरी को उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन की सेवा से पदयुच्त किया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य दोषी विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध शीघ्र ही कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

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मुख्यमंत्री की ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर एक्शन

सहकारिता मंत्री द्वारा यह भी बताया गया की मुख्यमंत्री  की जीरो टालरेंश नीति के तहत प्रकरण में संलिप्त किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जायेगा। साथ ही पूरे प्रकरण की जाँच प्रदेश सरकार की विशिष्ट जाँच एजेंसी (आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन) को सौंप दी गयी है। वर्तमान में वसूली की कार्यवाही के पश्चात प्रकरण में लगभग रूपये 6.63 करोड़ की धनराशि की वसूली अभी तक नहीं हो पायी है।

भ्रष्ट अधिकारियों को दिया सख्त संदेश

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विभागीय मंत्री ने कहा कि इस एक्शन से यह स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार किसी भी प्रकार की अनियमित्ता एवं वित्तीय क्षति पहुँचाने वाले अधिकारियों या कर्मचारियों सहित अन्य संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करने में कोई शिथिलता नहीं बरतेगी, जिससे अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सबक मिल सके।

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