लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
लखनऊ में मंगलवार को पेंशनभोगियों ने अपनी पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कार्यालय के बाहर एकत्र होकर विरोध जताया और सरकार से जल्द से जल्द उनकी पेंशन में बढ़ोतरी करने की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब सांसदों और विधायकों की पेंशन में वृद्धि हो सकती है, तो कर्मचारियों की पेंशन क्यों नहीं बढ़ाई जा रही?
पेंशनभोगियों ने दी आंदोलन की चेतावनी
विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त कर्मचारी EPFO कार्यालय के बाहर जुटे, जिनमें 60 से 90 वर्ष तक के वरिष्ठ नागरिक शामिल थे। उन्होंने केंद्रीय श्रम मंत्री को एक ज्ञापन सौंपकर न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि लंबे समय से वे इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
देशभर के पेंशनभोगियों में नाराजगी
प्रदर्शन में शामिल रमेश त्यागी ने कहा कि देशभर के 78 लाख से अधिक पेंशनभोगियों में पेंशन वृद्धि न होने से असंतोष बढ़ता जा रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि कर्मचारी पेंशन योजना-1995 के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जाए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब सांसदों और विधायकों के वेतन-भत्तों में मनमाने तरीके से बढ़ोतरी की जाती है, तो पूर्व कर्मचारियों की पेंशन में मामूली वृद्धि क्यों नहीं की जा रही?
सरकार को सौंपा गया ज्ञापन
रमेश ने कहा कि पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता और चिकित्सा सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं, जिससे उनका जीवनयापन कठिन होता जा रहा है। अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगें नहीं मानीं, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ेंगे। प्रदर्शनकारियों ने इस विषय पर जल्द निर्णय लेने की मांग की और सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में पेंशनभोगियों ने EPFO आयुक्त नवीन कनौजिया के माध्यम से केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया के नाम ज्ञापन सौंपा।