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लखनऊ विश्वविद्यालय
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय में सत्र 2025-26 के परास्नातक और परास्नातक प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा 17 जुलाई से 23 जुलाई 2025 तक आयोजित की जा रही है। परीक्षा दो पालियों में होगी। पहली पाली सुबह 10:30 से दोपहर 12:00 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 3:00 से 4:30 बजे तक।
दो पालियों में होगी परीक्षा
परीक्षा के दौरान शांति, अनुशासन और सुरक्षा बनाए रखने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई अहम निर्देश जारी किए हैं। परीक्षार्थियों को उनके प्रवेश-पत्र की जांच के बाद ही परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। पहली पाली में सुबह 9:30 बजे से और दूसरी पाली में दोपहर 2:00 बजे से प्रवेश शुरू होगा।
कई प्रवेश द्वार निर्धारित, पार्किंग भी तय
परीक्षार्थी विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए द्वार संख्या 01, 02, विवेकानंद द्वार (03), द्वार संख्या 04 और द्वार संख्या 07 का उपयोग कर सकेंगे। वहीं, वाहनों की पार्किंग की सुविधा केवल द्वार संख्या 01, 03 और 07 के पास उपलब्ध रहेगी। परीक्षा ड्यूटी में लगे शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को भी यहीं वाहन खड़ा करने के निर्देश दिए गए हैं।
मोबाइल और बैग लाने पर सख्त पाबंदी
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि परीक्षार्थी परीक्षा कक्ष में किसी भी प्रकार का मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, बैग या पाठ्य सामग्री लेकर नहीं आएंगे। यदि कोई ऐसी सामग्री साथ लाता है तो उसे मुख्य द्वार के बाहर रखना होगा, जिसकी जिम्मेदारी परीक्षार्थी की होगी। परीक्षा केंद्र में ऐसे उपकरण मिलने पर परीक्षा निरस्त की जा सकती है।
अनुशासन तोड़ने पर होगी कार्रवाई
परीक्षार्थियों को केवल अपने निर्धारित स्थान पर बैठकर ही परीक्षा देनी होगी। अन्य स्थान पर परीक्षा देने की स्थिति में नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा परीक्षा अवधि के दौरान किसी भी अनधिकृत व्यक्ति का परिसर में प्रवेश वर्जित रहेगा। आग्नेयास्त्र (वैधानिक या अवैधानिक) और अनधिकृत वाहनों के प्रवेश पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
अभिभावकों से भी की गई अपील
विश्वविद्यालय ने परीक्षार्थियों के अभिभावकों से भी अनुरोध किया है कि वे परीक्षा की अवधि में परिसर के बाहर ही रुकें, जिससे परीक्षाएं शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न कराई जा सकें।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि नियमों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है, ताकि परीक्षा निष्पक्ष और सुरक्षित वातावरण में संपन्न हो सके।