लखनऊ वाईबीएन संवाददाता।समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल द्वारा शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को लेकर की गई विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पोस्ट में डिप्टी सीएम के डीएनए पर सवाल उठाते हुए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया, जिससे विवाद गहराता चला गया।पोस्ट में कहा गया था कि "हर मुद्दे पर सपा के डीएनए की बात करने वाले ब्रजेश पाठक को पहले अपना डीएनए टेस्ट कराना चाहिए और उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए।" इसके आगे की टिप्पणी इतनी आपत्तिजनक थी कि उसे सार्वजनिक रूप से दोहराना भी अनुचित माना जा रहा है।
अखिलेशजी, क्या यह आपकी पार्टी की आधिकारिक भाषा
इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को टैग करते हुए एक्स पर सवाल दागा, “अखिलेशजी, क्या यह आपकी पार्टी की आधिकारिक भाषा है? यह क्या स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को दर्शाने वाला रवैया आपकी पार्टी का स्टैंड है? क्या आदरणीय डिंपल यादव इस प्रकार की सोच का समर्थन करेंगी?”विवाद बढ़ने के बाद समाजवादी पार्टी ने वह पोस्ट डिलीट कर दी, लेकिन हटाते समय भी सख्त लहजा बनाए रखा। पार्टी की ओर से एक्स पर लिखा गया, “हम ट्वीट हटा रहे हैं, लेकिन अगली बार डीएनए की बात करने से पहले सोचिएगा। कांच पर पत्थर मारेंगे तो टुकड़े लौटकर खुद पर भी गिर सकते हैं।”
यह मामला अब सियासी बहस तक सीमित नहीं रहा
यह मामला अब सियासी बहस तक सीमित नहीं रहा। भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी इस टिप्पणी के खिलाफ कार्यकर्ताओं के साथ हजरतगंज थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी न सिर्फ उप मुख्यमंत्री के सम्मान को ठेस पहुंचाती है, बल्कि यह महिला विरोधी और जातिगत विद्वेष फैलाने वाली भी है।एसीपी विकास जायसवाल ने पुष्टि की है कि शिकायत के आधार पर समाजवादी पार्टी मीडिया सेल के एक्स अकाउंट हैंडलर के विरुद्ध FIR दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच जारी है और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।भाजपा महानगर अध्यक्ष का आरोप है कि सपा की यह टिप्पणी ब्राह्मण समाज के प्रति दुर्भावना को प्रकट करती है और इससे सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ने का खतरा है।
Crime News:एक्स पोस्ट को लेकर सियासी तकरार, सपा की टिप्पणी पर डिप्टी सीएम बिफरे, FIR दर्ज
सपा मीडिया सेल ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर एक्स पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिस पर पाठक ने अखिलेश यादव से सवाल किया। विवाद बढ़ने पर पोस्ट हटाई गई लेकिन सपा ने चेतावनी भरा जवाब भी दिया। भाजपा की शिकायत पर सपा के सोशल मीडिया हैंडलर के खिलाफ FIR की गई है।
थानाध्यक्ष को तहरीर देते भाजपाई।
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता।समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल द्वारा शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को लेकर की गई विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पोस्ट में डिप्टी सीएम के डीएनए पर सवाल उठाते हुए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया, जिससे विवाद गहराता चला गया।पोस्ट में कहा गया था कि "हर मुद्दे पर सपा के डीएनए की बात करने वाले ब्रजेश पाठक को पहले अपना डीएनए टेस्ट कराना चाहिए और उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए।" इसके आगे की टिप्पणी इतनी आपत्तिजनक थी कि उसे सार्वजनिक रूप से दोहराना भी अनुचित माना जा रहा है।
अखिलेशजी, क्या यह आपकी पार्टी की आधिकारिक भाषा
इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को टैग करते हुए एक्स पर सवाल दागा, “अखिलेशजी, क्या यह आपकी पार्टी की आधिकारिक भाषा है? यह क्या स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को दर्शाने वाला रवैया आपकी पार्टी का स्टैंड है? क्या आदरणीय डिंपल यादव इस प्रकार की सोच का समर्थन करेंगी?”विवाद बढ़ने के बाद समाजवादी पार्टी ने वह पोस्ट डिलीट कर दी, लेकिन हटाते समय भी सख्त लहजा बनाए रखा। पार्टी की ओर से एक्स पर लिखा गया, “हम ट्वीट हटा रहे हैं, लेकिन अगली बार डीएनए की बात करने से पहले सोचिएगा। कांच पर पत्थर मारेंगे तो टुकड़े लौटकर खुद पर भी गिर सकते हैं।”
यह मामला अब सियासी बहस तक सीमित नहीं रहा
यह मामला अब सियासी बहस तक सीमित नहीं रहा। भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी इस टिप्पणी के खिलाफ कार्यकर्ताओं के साथ हजरतगंज थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी न सिर्फ उप मुख्यमंत्री के सम्मान को ठेस पहुंचाती है, बल्कि यह महिला विरोधी और जातिगत विद्वेष फैलाने वाली भी है।एसीपी विकास जायसवाल ने पुष्टि की है कि शिकायत के आधार पर समाजवादी पार्टी मीडिया सेल के एक्स अकाउंट हैंडलर के विरुद्ध FIR दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच जारी है और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।भाजपा महानगर अध्यक्ष का आरोप है कि सपा की यह टिप्पणी ब्राह्मण समाज के प्रति दुर्भावना को प्रकट करती है और इससे सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ने का खतरा है।