लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। समाजवादी पार्टी (सपा) से जुड़े एक पोस्टर को लेकर राजनीतिक हलकों में भारी बवाल मचा हुआ है। विवादित पोस्टर में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र को खंडित करते हुए उसके आधे भाग पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का चित्र लगाया गया है। इस पर उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए स्वतः संज्ञान लिया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने पुलिस को लिखा पत्र
आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने गुरुवार को सपा और अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह कृत्य डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है और दलित समाज की आस्था को ठेस पहुंचाने वाला है। उन्होंने कहा कि महापुरुषों का अपमान और राष्ट्रविरोधी तत्वों का महिमामंडन समाजवादी पार्टी की फितरत बन गई है। आयोग ने लखनऊ के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर दोषियों के विरुद्ध अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही आयोग ने 5 मई को सुबह 11:30 बजे तक आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश भी जारी किया है।
कानूनी रूप से भी दंडनीय कृत्य
आयोग बैजनाथ रावत ने कहा कि सपा को इस घृणित कृत्य के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने हमेशा बाबा साहेब अंबेडकर और दलित समाज का अपमान किया है फिर चाहे वह सत्ता में रही हो या विपक्ष में। उन्होंने कहा की अखिलेश यादव को बाबा साहेब के समकक्ष दिखाना दूषित मानसिकता का परिचायक है। यह कृत्य न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि कानूनी रूप से भी दंडनीय है।